इंदौर। थाना प्रभारी (Police station incharge) से एसीपी (ACP) बने अफसर की रंगीन व्हाट्सएप चैट (Colorful WhatsApp Chat) का खुलासा होते ही समूचे पुलिस महकमे (Police department) में खलबली मच गई और सोशल मीडिया (Social media) पर भी अग्रिबाण (Agniban) की खबर जमकर वायरल हुई। साथ ही शहर के महिला संगठनों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करने और दोषी अफसर को सबक सिखाने की मांग की है। वर्तमान में उक्त अफसर इंदौर जिले से बाहर एसडीओपी के रूप में पदस्थ है। दूसरी तरफ महिला के पति द्वारा की गई शिकायत के आधार पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग अभिभाषक ने की है, जिसमें विभागीय बैठक के साथ प्रोटोकॉल से जुड़ी गोपनीय जानकारी उजागर करने के आरोप भी लगाए गए हैं। खबर प्रकाशन के बाद मचे हल्ले के चलते पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच शुरू करा दी है। साथ ही इंदौर में पदस्थ रहे पूर्व पुलिस कमीश्रर मकरंद देउस्कर से जब अग्रिबाण ने चर्चा की तो उन्होंने स्वीकार किया कि उक्त मामले की उन्होंने भी जांच करवाई थी।
अग्रिबाण ने कल पति-पत्नी के विवाद में रंगीन मिजाज पुलिस अफसर की एंट्री से जुड़ा समाचार प्रकाशित किया, जिसमें पुलिस अफसर द्वारा महिला के साथ की गई अश्लील चैट के साथ अन्य जानकारी भी दी, जिसमें महिला को लॉन्ग ड्राइव पर चलने, चील्ड बीयर पिलाने के साथ मूवी देखने के निमंत्रण के साथ तमाम बातें देर रात तक की जाने के प्रमाण भी दिए गए। व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट जो अग्रिबाण को मिले उसको भी खबर के साथ उजागर किया गया। नतीजतन पूरे शहर में यह खबर चर्चा का विषय यानी टॉक ऑफ द टाउन रही। वहीं समूचे पुलिस महकमे में भी हलचल मची। तमाम आला अधिकारी भी फोन लगाकर इस मामले की जानकारी एक-दूसरे से भी लेते रहे। दरअसल, सुखलिया निवासी पति-पत्नी में कुछ समय पूर्व आपसी विवाद चल रहा था, जिसे सुलझाने के लिए वे पुलिस के पास पहुंचे थे। तत्समय पुलिस अफसर ने पत्नी का मोबाइल नम्बर ले लिया और फिर उससे व्हाट्सएप के जरिए चैटिंग शुरू कर दी। यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त अफसर पहले हीरा नगर थाने पर पदस्थ रहे, उसके बाद पदोन्नति पाकर एसीपी बने और पश्चिमी क्षेत्र के एसीपी के रूप में भी कार्य करते रहे और पिछले विधानसभा चुनाव में उनका तबादला अन्य जिले में कर दिया गया, क्योंकि तीन साल के क्राइट एरिया के चलते कई अफसरों के तबादले उस दौरान हुए थे। वर्तमान में उक्त अफसर बाहरी जिले में एसडीओपी के पद पर पदस्थ हैै। अग्रिबाण के पास व्हाट्सएप चैटिंग सहित की गई शिकायत और अन्य प्रमाण मौजूद हैं, जिसमें शिकायतकर्ता पति ने मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री, डीजीपी सहित मानव अधिकार आयोग और इंदौर पुलिस कमीश्रर को भी अपने वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे के माध्यम से की है। दरअसल, इस मामले की शिकायत पति ने पूर्व में भी की थी, जिसकी जांच तत्कालीन पुलिस कमीश्रर मकरंद देउस्कर ने करवाई थी। मगर तत्कालीन जांचकर्ता अधिकारी ने उक्त अफसर को बचाने का काम किया। अग्रिबाण प्रतिनिधि ने जब श्री देउस्कर से इस प्रकरण को लेकर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायत उनके समक्ष आई जरूर थी, जिस पर उन्होंने तत्कालीन डीसीपी को जांच करने के लिए कहा था। उल्लेखनीय है कि श्री देउस्कर का कुछ समय पूर्व इंदौर से तबादला हो गया है। दूसरी तरफ खबर प्रकाशन के बाद पुलिस मुख्यालय ने अवश्य इस प्रकरण की जांच शुरू की है, तो शहर की महिला संगठनों ने भी पुलिस अफसर की इस हरकत की आलोचना की है। ज्वाला संगठन सहित बाल संरक्षण आयोग सहित अन्य मामलों में सक्रिय रहने वाली डॉ. दिव्या गुप्ता का भी कहना है कि एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी की उक्त हरकत शर्म और जांच का विषय है। वहीं श्रीमती मालासिंह ठाकुर ने भी इस कृत्य की आलोचना करते हुए विरोध दर्ज कराने की बात कही है।
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