फिर एक फर्जी जमानतदार पर एमजी रोड थाने में दर्ज हुआ धोखाधड़ी का केस
इंदौर। थानों में पुलिस (police) अपनी सुविधा के लिए चार-पांच पॉकेट गवाह पालकर रखती है। इसी तरह कोर्ट में भी सालों से दो दर्जन से अधिक फर्जी जमानतदारों (fake bailiffs) का रैकेट सक्रिय है। एक-एक फर्जी जमानतदार (fake bailiffs) 50-50 मामलों में जमानत दे चुका है। इस तरह की फर्जी जमानत के चलते कई बदमाश फरार भी हो चुके हैं, लेकिन फिर भी पुलिस इन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पाई है। कल फिर पुलिस (police) ने ऐसे ही एक फर्जी जमानतदार (fake bailiffs) के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।
कोर्ट (court) में सक्रिय ये फर्जी जमानतदार (fake bailiffs) हर तरह के मामले में जमानतदार बन जाते हैं। इसके लिए जमीन की फर्जी ऋण पुस्तिका का इस्तेमाल होता है। हर मामले के लिए इनके अलग रेट हैं। वकीलों को भी इनकी जानकारी है। हत्या, लूट, चोरी से लेकर धोखाधड़ी तक के मामलों में ये जमानत (bail) देते हैं। बताते हैं कि कई तो ऐसे हैं, जो अब तक 50 से अधिक मामलों में जमानतदार (bailiffs) बन चुके हैं।
साल में एक दर्जन मामले दर्ज होते हैं फर्जी जमानतदारों पर
कोर्ट (court) में कागजात की जांच के बाद कई बार जमीन की ऋण पुस्तिका फर्जी निकल जाती है। इस पर कोर्ट के आदेश पर एमजी रोड थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जाता है। हर साल ऐसे एक दर्जन से अधिक मामले फर्जी जमानतदारों के खिलाफ दर्ज होते हैं। कल एमजी रोड पुलिस (police) ने ऐसे ही एक फर्जी जमानतदार शंकर जोधा निवासी देपालपुर के खिलाफ केस दर्ज किया। कुछ मामलों में तो पुलिस फर्जी जमानतदार को पकड़ लेती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में कागजात से लेकर नाम तक फर्जी होने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। यह गोरखधंधा सालों से चल रहा है, लेकिन इस पर आज तक प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसके चलते ये कोर्ट में सक्रिय हैं।
फर्जी जमानत से भाग चुके हैं कई बदमाश
कुछ साल पहले महिलाओं (women) की सिलसिलेवार हत्या के मामले में पकड़ाया एक आरोपी सचिन इसी तरह की फर्जी जमानत (bail) लेकर फरार हो गया था। उसेे पकडऩे के लिए पुलिस (police) को काफी मशक्कत करना पड़ी थी। इसके अलावा कई ऐसे मामले हैं, जिनमें आरोपी फर्जी जमानत से छूटने के बाद पुलिस (police) के हाथ नहीं आए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved