इंदौर। एसएसपी सिस्टम (SSP system) में हर थाने के बाहर गुंडों के पोस्टर टांग गए थे। अब पुलिस कमिश्ररी (Police Commissionerate) में चौराहों (intersections) पर लगाए जा रहे है, लेकिन अफसरों (officers) के बदलते ही इस तरह की मुहिम (campaign) ठंडे बस्ते में चली जाती है। थाने पर लगे पोस्टर (poster) कई सालों से अपडेट तक नहीं हुए है तो कुछ फट गए है।
शहर में एसएसपी सिस्टम (SSP system) लागू होने के बाद तत्कालीन एसएसपी ए सांई मनोहर (SSP A Sai Manohar) ने इंदौर के सभी थानों को निर्देश दिए थे कि वे अपने थाने के टॉप दस बदमाशों (miscreants) को चिन्हित कर उनके पोस्टर (poster) अपराधों की संख्या के साथ थाने के मेनगेट (menagetes) पर टांगे ताकि क्षेत्र के लोगों को पता चल सके कि उनके क्षेत्र में कौन गुंडे सक्रिय है और घटना होने पर पुलिस को सूचना मिल सके। इस दौरान शहर के सभी थानों में ये पोस्टर टांगे गए थे। आज भी कई थानों में ये टंगे हैं तो कुछ थानों में फट गए है, लेकिन उनके जाने के बाद यह पोस्टर अपडेट नहीं हुए। कई गुंडे मर गए तो कई क्षेत्र छोड़ गए। अब एक बार फिर शहर में पुलिस कमिश्नरी (Police Commissionerate) के बाद कमिश्नर के निर्देश पर शहर के प्रमुख चौराहों (intersections) पर यही प्रयोग नए तरीके से किया जा रहा है। अब चौराहों पर बदमाशों के पोस्टर टांगे जा रहे है। कमिश्नर का कहना है कि वाहन चोर और चेन लूट के आरोपियों के पोस्टर (poster) लगाए जा रहे है, ताकि क्षेत्र की जनता उनसे सावधान रहे और यदि वे दिखाई देते हैं तो पुलिस को सूचना दे। वारदात के बाद भी लोग उनको यदि पहचान लेते है तो पुलिस को उन्हें पकडऩे में मदद मिलेगी।
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