इदौर, विकाससिंह राठौर। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुए मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) ने तीसरी लहर के लिए रास्ते खोल दिए हैं। देश में इस समय कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर केरल और महाराष्ट्र में है। इसके बाद भी यहां से आने वाली ट्रेनों, बसों और उड़ानों पर रोक लगाना तो दूर इनसे आने वाले यात्रियों की जांच तक नहीं की जा रही है। कुछ समय पहले तक जहां महाराष्ट्र की बसों पर रोक थी। उन बसों को भी दोबारा शुरू कर दिया गया है, वहीं महाराष्ट्र से आने वाले हवाई यात्रियों के लिए जरूरी आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था को भी बंद कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के समय से ही महाराष्ट्र के बीच चलने वाली सभी बसों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी, लेकिन कुछ दिनों पहले इस रोक को भी हटा दिया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, नासिक, शिर्डी, नागपुर, औरंगाबाद जैसे प्रमुख शहरों से बड़ी संख्या में बसें शुरू हो गई हैं। इन बसों से आ रहे यात्रियों की भी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है।
हर दिन आ रहे हैं 12-13 हजार नए मरीज
देश में लंबे समय से कोरोना की तीसरी लहर की बातें की जा रही हैं। इसका असर इस समय केरल और महाराष्ट्र में नजर आने लगा है। केरल में जहां रोजाना 12 से 13 हजार पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं, वहीं महाराष्ट्र में रोजाना 4 से 5 हजार पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। इसे देखते हुए कई राज्यों में महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों के लिए जांच जरूरी कर दी है, लेकिन मध्यप्रदेश में पहले से लागू सख्ती को भी खत्म कर दिया है, जिसे देख लग रहा है प्रदेश में दूसरी लहर की तबाही से कोई सबक नहीं लिया है।
रेल पर कोई रोक नहीं, यात्रियों की जांच तक नहीं
इंदौर में केरल से कोचुवेली और अहिल्यानगरी ट्रेनें और महाराष्ट्र से अवंतिका एक्सप्रेस, पुणे एक्सप्रेस, बांद्रा एक्सप्रेस, दूरंतो और नागपुर एक्सप्रेस ट्रेनें आती हैं। इन सभी ट्रेनों से हजारों यात्री इंदौर आते हैं। रेलवे स्टेशन पर इनकी जांच की कोई व्यवस्था तक नहीं है।
जांच के लिए आदेश का इंतजार
रेलवे स्टेशन, बसों और एयरपोर्ट पर महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए अधिकारी कहते हैं कि यह काम स्वास्थ्य विभाग का है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि हम प्रशासन के आदेश पर जांच करते हैं और प्रशासन को राज्य शासन के आदेश का इंतजार है। दूसरी ओर कुछ समय पहले इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा भी था कि केरल से आने वाले यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर जांच होना चाहिए।
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