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    INDORE : कविता के 33 पात्र पीडि़तों को ही मिलेंगे प्राधिकरण से भूखंड

  • March 18, 2021

    सालों से दबाव-प्रभाव के चलते नहीं बंट पाए भूखंड… फर्जी सदस्यों की सूचियां भिजवाते रहे
    इंदौर।  जिन गृह निर्माण संस्थाओं ( Kavita Ghar Nirman) पर भूमाफियाओं (Land mafia) के कब्जे रहे उनमें कविता गृह निर्माण भी शामिल है। फरार भूमाफिया सुरेन्द्र संघवी (Surendra Sanghvi) के दबाव-प्रभाव के चलते सहकारिता विभाग (Cooperative Department) पात्र सदस्यों की सूची ही प्राधिकरण को नहीं भेज सका और हर बार अड़ंगे डाले और 10 से अधिक अपात्र सदस्यों की सूची जरूरी प्राधिकरण में भिजवा दी, लेकिन अब प्रशासन की सख्ती के चलते कविता के 33 असल पात्र सदस्यों को ही प्राधिकरण से मिलने वाले भूखंड आबंटित करवाए जाएंगे, जिसकी प्रक्रिया सहकारिता विभाग ने शुरू कर दी है।
    प्राधिकरण की योजना 114 पार्ट-2 निरंजनपुर (Niranjanpur) में कविता गृह निर्माण के साथ संकल्प के तहत विकसित भूखंड दिए जाना है। पूर्व में प्राधिकरण लगभग 173 भूखंडों का आबंटन कर चुका है और अब 33 भूखंडों का आबंटन शेष बचा है। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh)  के निर्देश पर कविता गृह निर्माण के पीडि़तों की शिकायत पर सहकारिता विभाग ने पात्र सदस्यों की सूची तैयार कर प्राधिकरण को भिजवाना तय किया है, ताकि इन्हें भूखंड मिल सकें। दरअसल इस संस्था पर भी संघवी ने कब्जा कर रखा था और कुछ वर्ष पूर्व 10 से अधिक बोगस सदस्यों के नाम जुड़वाकर सहकारिता विभाग पर दबाव बनाकर प्राधिकरण में सूची भिजवा दी, मगर हल्ला मचने पर इन भूखंडों का आबंटन नहीं हो सका। 2010 से लेकर 12 के बीच ये 10 नए सदस्य बनाए गए थे और बाद में भी 10-12 अन्य लोगों को जोडक़र 22 सदस्यों की सूची प्राधिकरण को बेच दी गई। इसके खिलाफ अन्य सदस्य हाईकोर्ट गए और वहां से मिले आदेश के चलते सूची को कमिश्नर के पास जांच के लिए भेजा गया, जिसके चलते आबंटन की प्रक्रिया फिर लम्बित हो गई और ईमानदार 33 भूखंडधारी पिछले कई सालों से परेशान हो रहे हैं, जिन्हें अब न्याय मिलेगा।


    कई बोगस सदस्यों ने हासिल कर रखे हैं स्टे भी
    पिछले कुछ वर्षों में जो नए बोगस सदस्य बनाए गए उन्होंने जेआर कोर्ट से लेकर ट्रिब्यूनल से स्टे हासिल कर रखे हैं। जब भी मुहिम चलती है तो ये बोगस सदस्य भी पात्र सदस्यों के साथ शामिल होकर हल्ला मचाने लगते हैं, जबकि नियम के मुताबिक बाद में बनाए गए सदस्यों का कोई अधिकार ही नहीं है। अभी भी जनसुनवाई में शिकायत करने पहुंच जाते हैं।

    मोती खत्री की पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
    कविता गृह निर्माण संस्था पर जहां संघवी ने कब्जा कर रखा है, वहीं उसके तत्कालीन अध्यक्ष मोतीलाल खत्री को चंदन नगर पुलिस ने 2010 में गिरफ्तार भी किया था। उस पर संस्था में फर्जीवाड़े के आरोप लगे और पात्र सदस्यों ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। संघवी के गुर्गे चितलांग्या द्वारा भी अवैध सदस्यों को भूखंड दिलवाने के प्रयास किए जाते रहे और उसकी सहकारिता में एंट्री भी रोकी गई।

    झोपडिय़ों को हटाकर भूखंड देने का भी दबाव
    संस्था की कालोनी पाश्र्वनाथ नगर में 20 से 30 हजार स्क्वेयर फीट में झोपडिय़ां बसी है। कोई लक्ष्मीकांत पटेल बोगस शिकायतकर्ता बनकर इन झोपडिय़ों को हटाकर भूखंड आबंटित करने की शिकायते करता रहा है, जबकि संस्था का कहना है कि कविता द्वारा इस तरह का फर्जीवाड़ा नहीं किया जाएगा। जितनी जमीन थी उस पर प्लाट पाश्वनार्थ नगर में दे चुके हैं।


    आदिनाथ को जमा करना पड़ेगी 17 लाख की बकाया रशि
    ऑडिट आपत्ति में कविता के नाम पर 17 लाख रुपए की राशि बकाया है, जो आदिनाथ गृह निर्माण की खजराना में खरीदी गई जमीन के एवज में है। सहकारिता विभाग के मुताबिक ये 17 लाख रुपए की राशि आदिनाथ गृह निर्माण से वसूल की जाएगी। खजराना में दाउद पटेल से 8.90 एकड़ जमीन आदिनाथ में खरीदी गई थी, जिसका भुगतान कविता गृह निर्माण के खाते करवा दिया था।

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