पश्चिम की अपेक्षा मध्य में 8.4 इंच ज्यादा बरसे बादल
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
शहर (city) में इस साल मानसून (monsoon) का अलग ही मिजाज देखने को मिला है। चार माह के मानसूनी सीजन में शहर के पश्चिमी क्षेत्र में जहां कुल 34.7 इंच बारिश (rain) रिकार्ड की गई है, वहीं मध्य क्षेत्र (central zone) पश्चिम (west) से 8.4 इंच ज्यादा वर्षा वाला रहा है और यहां सबसे ज्यादा 43.1 इंच बारिश हुई। वहीं शहर के पूर्वी क्षेत्र (east zone) में 41.8 इंच बारिश हुई। एक ही शहर में कुछ किलोमीटर की दूरी पर बारिश का यह बड़ा अंतर देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
देश में 100 सालों से भी ज्यादा समय से चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक मानसूनी सीजन चार माह का माना जाता है, जो 1 जून से शुरू होकर 30 सितंबर को खत्म होता है। इसी व्यवस्था के तहत मौसम और कृषि विभाग भी मानसूनी वर्षा का आकलन करते हैं। मौसम विभाग (meteorological department) ने अब तक मानसून जाने की घोषणा नहीं की है और उम्मीद जताई है कि यह एक सप्ताह और रहेगा, लेकिन मानसूनी बारिश की गणना पूरी हो चुकी है और इसके परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं। विमानतल स्थित मौसम केंद्र (weather station) पर इस दौरान जहां कुल 34.7 इंच बारिश रिकार्ड की गई है, वहीं मध्य क्षेत्र में रीगल सर्कल (regal circle) स्थित डीआईजी ऑफिस (DIG office) के वेदर मॉनीटरिंग स्टेशन (monitoring station) पर बारिश का आंकड़ा सबसे ज्यादा 43.1 इंच पर पहुंचा है। वहीं शहर के पूर्वी क्षेत्र में कृषि महाविद्यालय (agricultural college) स्थित मौसम केंद्र पर बारिश का आंकड़ा 41.8 इंच तक पहुंचा है। इस तरह सर्वाधिक बारिश मध्य में 43.1 इंच के रूप में दर्ज हुई है, वहीं पूर्वी क्षेत्र इससे 1.3 इंच और पश्चिमी क्षेत्र 7.1 इंच पीछे रहा है।
पश्चिम में तीन माह से ज्यादा अकेले सितंबर में बरसे बादल
एयरपोर्ट क्षेत्र (airport area) में मानसूनी सीजन के हर माह में हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो सामने आता है कि चार माह के सीजन में शुरुआत के तीन महीनों में जितनी बारिश नहीं हुई थी, उससे ज्यादा अकेले सितंबर में हुई है। पश्चिमी क्षेत्र में जहां तीन माह में 16.5 इंच बारिश हुई थी, वहीं सितंबर में 18.2 इंच बारिश हुई। सितंबर में हुई बारिश के कारण ही इस क्षेत्र में बारिश का आंकड़ा औसत तक पहुंच पाया है, अन्यथा यह बहुत पिछड़ा हुआ था। शहर के मध्य और पूर्वी क्षेत्र में भी अन्य महीनों की अपेक्षा सबसे ज्यादा बारिश सितंबर में ही दर्ज हुई है।
अभी और बारिश के आसार
विमानतल स्थित मौसम केंद्र (airport weather station) के सहायक मौसम वैज्ञानिक विवेक छलोत्रे ने बताया कि मानसून की रवानगी अभी नहीं हुई है। संभावना है कि यह एक सप्ताह से ज्यादा समय और रहेगा। इस दौरान शहर में और बारिश की भी उम्मीद है। हालांकि मौसम विभाग की व्यवस्था के तहत इस बारिश को मानसूनी बारिश में न मानते हुए पोस्ट मानसून रैन के रूप में दर्ज किया जाएगा। मध्य क्षेत्र में बारिश का आकलन करने वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डीके वाघेला ने बताया कि मध्य क्षेत्र में जून के अलावा हर माह में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा बारिश हुई है।
इस सितंबर पिछले 11 सालों में दूसरी बार हुई सबसे ज्यादा बारिश
विमानतल (airport) स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक इस साल सितंबर ने बारिश में पीछे चल रहे शहर के कोटे को पूरा करने का काम किया है। वहीं यह सितंबर ( September) पिछले 11 सालों में दूसरा सर्वाधिक बारिश वाला रहा है। इससे पहले सिर्फ 2019 में सितंबर माह में 19 इंच बारिश हुई थी। वहीं 2015 में सितंबर में सिर्फ 1.05 इंच बारिश ही रिकार्ड की गई थी। 1985 में शहर में सितंबर की सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई थी, तब सितंबर में कुल 33 इंच बारिश हुई थी।
एक नजर तीनों क्षेत्रों में हुई हर माह की बारिश पर
माह पश्चिम मध्य पूर्व
जून 2.98 7.62 9.87
जुलाई 7.72 8.43 8.05
अगस्त 5.82 8.27 8.63
सितंबर 18.18 18.8 15.25
कुल 34.7 43.1 41.8
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