इंदौर। गोदाम (Warehouse) में अधिक मक्का मिलने पर गल्ला व्यापारी (slag merchant) से रिश्वत मांगने वाले मंडी सहायक उपनिरीक्षक को लोकायुक्त पुलिस (Police) ने रंगेहाथों पकड़ा। इस मामले में उसके साथ दो और सहायक निरीक्षक शामिल थे, जिनको फरियादी की मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग (Recording) के आधार पर आरोपी (charged) बनाया गया है। तीनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) के डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल (DSP Praveen Singh Baghel) ने बताया कि दो दिन पहले पंधाना के गल्ला व्यापारी महेंद्र अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उसके पास मंडी में क्रय-विक्रय करने का लाइसेंस है, जिसका टैक्स उसने भर दिया है, लेकिन कुछ दिन पहले शासन का रिन्यू पोर्टल अचानक बंद हो गया। इसके चलते राशि जमा होने के बाद भी उसका लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ था। इसी बीच मंडी के सहायक उपनिरीक्षक अरविंद मंडलोई, शुभम सोनी और सुनील वास्कले ने उसके गोदाम पर छापा मारा और बताया कि उसके यहां 141 क्विंटल मक्का अधिक निकला है। मामले को रफा-दफा करने के लिए उन्होंने पहले 80 हजार रुपए की मांग की और फिर 15 हजार लेने को तैयार हो गए।
व्यापारी ने बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली थी, जिसमें वास्कले ने कहा था कि हम तीनों के तीन-तीन हजार और मंडी सचिव को पांच हजार रुपए देना पड़ेंगे। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप लगाया और कल पंधाना मंडी कार्यालय पहुंची। वहां फरियादी ने जैसे ही वास्कले को रिश्वत की राशि दी, टीम ने उसे दबोच लिया। इसके अलावा रिकॉर्डिंग के आधार पर शुभम सोनी और अरविंद मंडलोई को भी आरोपी बनाया गया है। तीनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं मंडी सचिव की मिलीभगत की जांच की जा रही है। यदि उसकी भूमिका निकली तो उसके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा। बताते हैं कि फरियादी ने एक उपनिरीक्षक को पहले दो हजार रुपए दे दिए थे, जबकि डीजल के नाम पर एक हजार कम करवा लिए थे। इसके चलते 12 हजार की राशि देते आरोपियों को ट्रैप किया गया।
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