इन्दौर। जो काम पहले किया जाना था, वो अब करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन (Administration)द्वारा महामारी को लेकर बेकाबू हुए शहर पर अपना पूरा ध्यान केन्द्रित किया गया और उधर ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas)में मरीज बढऩे लगे। गांवों में कोविड नियमों (Covid Rules)का उल्लंघन किए जाने और लॉकडाउन (Lockdown) नहीं लगाए जाने के कारण बड़ी तादाद में लोग महामारी के शिकार होने लगे।
इन ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण सामान्य कोविड पेशेंट (Covid Patient)भी गंभीर अवस्था में पहुंचने लगे और शहरों पर ऐसे मरीजों के इलाज का दबाव बढ़ता गया। अब स्थानीय प्रशासन (Local Administration) द्वारा जहां ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए कड़े प्रतिबंध लागू किए जाने की योजना बनाई गई है वहीं संभागायुक्त द्वारा पूरे संभाग के कलेक्टरों की बैठक लेकर संभाग के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना नियंत्रण के लिए समुचित उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
केयर में जाते ही स्टेराइड से कोरोना पर नियंत्रण
कलेक्टर मनीषसिंह ने बताया कि अब शहर की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। लोगों को जहां चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है, वहीं दवाइयों का संकट भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। प्रशासन द्वारा बनाए गए राधास्वामी कोविड केयर सेंटर में बड़ी तादाद में मरीज ठीक होकर घर जा रहे हैं। सेंटर में मरीज की परिस्थितियां देखकर तत्काल इलाज और स्टेराइड (Steroid) के इंजेक्शन देने से जहां न केवल कोरोना पर नियंत्रण पाया जा रहा है बल्कि रेमडेसिविर (Remdesivir)जैसे इंजेक्शन (Injection)की नौबत से भी बचा जा रहा है। सेंटर में दो-तीन दिन में ही लोग स्वंय को स्वस्थ महसूस कर घर लौट रहे हैं, जिन्हें होम आइसोलेट किया जा रहा है।
दूरदराज के गांव वाले शहर में नहीं आते
गांव में जो लोग सक्षम हैं वे तो डॉक्टर (Doctor) तक पहुंच जाते हैं, लेकिन इंदौर जिले में दूरदराज के कई ऐसे गांव हैं, जहां रहने वाले लोग अभी भी डॉक्टरों से दूर हैं और घरों में ही रहकर इलाज करवा रहे हैं। महू तहसील में भी कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी लोग दवा की बजाय झाड़-फूंक पर विश्वास करते हैं।
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