इन्दौर। रानीपुरा के समीप दौलतगंज उर्दू मैदान से साउथ तोड़ा को जोडऩे वाले पुल को बनाने के लिए 16 साल से मशक्कत चल रही है। कहीं कुछ मकानों के हिस्से बाधक बन रहे थे तो कहीं अब और नई परेशानी आ रही है। वर्षों पहले मजदूरों ने चंदा इकट्ठा करके पुल बनवाया था और निगम ने 16 साल पहले जब इसका टेंडर जारी किया था, तब इसकी लागत 42 लाख थी। अब यह बढक़र 3 करोड़ तक पहुंच गई है। अब रहवासी मोर्चा संभालेंगे।
शहर में कई पुल-पुलियाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है, लेकिन कई जगह पुलों के काम अधूरे पड़े हैं। इनमें सबसे बड़ा उदाहरण दौलतगंज-रानीपुरा का पुल है, जिसे 16 साल पहले 42 लाख में बनाने की मंजूरी देकर टेंडर जारी किए गए थे। उसके बाद से यह काम अटका रहा और लगातार परिषद बदलती रही, लेकिन पुल का काम शुरू नहीं हुआ। अब 16 साल बाद निगम ने फिर से 3 करोड़ में पुल बनाने का टेंडर जारी किया था और उसका काम वहां बने बाधक निर्माणों केकारण अटका पड़ा है। तत्कालीन पार्षद यास्मिन मुन्ना अंसारी ने इस मामले में कई बार निगम अफसरों को बुलाकर मौका-मुआयना कराया। चार दिन पहले संभागायुक्त और निगम प्रशासक डॉ. पवन शर्मा को ज्ञापन देकर पुल की स्थिति बताते हुए वहां निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू कराने की मांग की है।
पुल बनने से मुख्य मार्ग का यातायात भी कम होगा
उर्दू मैदान दौलतगंज से साउथ तोड़ा को जोडऩे वाला पुल बनने से जहां एक ओर मुख्य मार्ग का दबाव भी कम होगा, वहीं लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही वहां आसपास की गलियों से गुजरने वाले वाहन चालकों को सीधा रास्ता भी मिलेगा। काफी समय से चंपाबाग, तोड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों की पुल-पुलियाओं का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इस पुल की दशा अब तक बदतर है। अगर पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे रहवासियों के साथ सडक़ पर मोर्चा संभालेंगे।
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