पारा 41 के पार पहुंचा, अब भी बच्चे दो से तीन बजे स्कूल से लौटने को मजबूर
इंदौर। बढ़ती तपन (increasing heat) का असर पशु-पक्षियों (animals and birds) के साथ इंसानों पर भी नजर आने लगा है। कल कालिंदीकुंज (Kalindi Kunj) में पांच मोर (peacocks) गर्मी की मार के चलते पेड़ों पर बैठे-बैठे ही जमीन पर औंधे मुंह गिरे और काल के गाल में समा गए। ऐसे में स्कूलों का समय कम करने की मांग उठने लगी है। इस बार अप्रैल माह में ही सूरज की तपन 41 डिग्री के पार पहुंच चुकी है। आसपास के जिलों के कलेक्टर ने बच्चों के स्कूल समय में परिवर्तन कर दिया है, लेकिन इंदौर के स्कूलों के बच्चे अब भी दो से तीन बजे तक की तपती धूप में घर लौट रहे हैं।
अस्पतालों में बढऩे लगे मरीज
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तपन के चलते लू लगने और हीट स्ट्रोक होने के मामले सामने आने लगे हैं। हालांकि अभी इसकी संख्या बहुत अधिक नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने भी हाल ही में एडवाइजरी जारी कर धूप से बचाव की बात कही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बीएस सैत्या ने नागरिकों से अपील की है कि लू, तापघात से बचने के लिए खूब पानी पिएं, खाली पेट न रहें, शराब, चाय-कॉफी के अधिक सेवन से बचें। ठंडे पानी से नहाएं व धूप में निकलते समय सर ढंके और हलके रंग के ढीले व पूरी बांह के कपड़े पहनें। बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोडऩे की भी समझाइश दी गई है।
गर्मी अभी से बढऩे लगी… शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई से घोषित किया
गर्मी इस बार अप्रैल माह से पडऩे लगी है, लेकिन स्कूली शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों का इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई से शुरू किया है, जो 46 दिन का रहेगा। यानी ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए विद्यार्थियों को अप्रैल माह में भी अभी 20 दिन और शालाओं में जाना होगा। वहीं शिक्षकों का 15 दिन पहले ही अवकाश खत्म किया गया है। इंदौर शहर में अभी से तापमान 41 डिग्री पार हो रहा है। ऐसे में स्कूली बच्चों को दोपहर के समय घर से स्कूल या स्कूल से घर आने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तापमान इतना ज्यादा है कि बच्चे भी असहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों के लिए 1 मई से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश जारी हो गए हैं, यानी अब अप्रैल के 20 दिन स्कूल और लगेंगे। वहीं शिक्षकों के लिए 1 जून से पुन: स्कूल शुरू हो जाएंगे। हालांकि शिक्षक नेता भगवतीप्रसाद पंडित और हरीश बोयत का कहना है कि 1 जून के दौरान गर्मी अपने पूरे जोर पर रहती है, इसलिए सरकार को इस मामले में शिक्षकों की ओर नरम रवैया रखना चाहिए और ग्रीष्मकालीन अवकाश को दो सप्ताह बढ़ाना चाहिए।
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