विमानों के बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण के लिए
अगले माह तक मुख्यालय से जारी होंगे टेंडर, देरी के कारण बढ़ी लागत, मौजूदा टॉवर से दोगुनी ऊंचाई का होगा 10 मंजिला टॉवर
इंदौर। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Devi Ahilyabai Holkar International Airport) पर नया एयर ट्रैफिक कंट्रोल (Air Traffic Control) (एटीसी) टॉवर (Tower) बनेगा। इसके लिए अगले माह तक मुख्यालय से टेंडर (Tender) जारी किए जाएंगे। देरी के कारण एटीसी टॉवर की लागत काम शुरू होने से पहले ही 13 करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ चुकी है। पहले यह जहां 87 करोड़ में बनना था, वहीं अब इस पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airport Authority of India) द्वारा इंदौर एयरपोर्ट (Indore Airport) पर बढ़ती उड़ानों को देखते हुए नया एटीसी टॉवर बनाए जाने की मंजूरी करीब दो साल पहले दी गई थी। तब इसकी अनुमानित लागत करीब 87 करोड़ रुपए रखी गई थी, लेकिन प्रक्रिया में ज्यादा समय लगने के कारण अब इसकी लागत को बढ़ाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अगले माह जारी होने वाले टेंडर में इसकी लागत 100 करोड़ से ज्यादा होगी। वहीं अगले तीन माह में इसका निर्माण शुरू हो जाएगा और अगले साल की शुरुआत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
दोगुनी ऊंचाई का होगा नया टॉवर, कई नई सुविधाएं भी जुड़ेंगी
इंदौर एयरपोर्ट (Indore Airport) पर अभी मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर पांच मंजिला है, जबकि नया टॉवर इससे दोगुनी ऊंचाई का करीब 31 मीटर ऊंचा 10 मंजिला होगा। इसमें मौजूदा टॉवर की अपेक्षा कई नए उपकरण व आधुनिक सुविधाएं भी होंगी। ये विमानों के परिचालन में काफी सहायक साबित होंगी। नया टॉवर रनवे के दूसरी ओर बनेगा। दो रनवे की योजना के तहत स्थान बदला है। नया एटीसी टॉवर मौजूदा टॉवर की विपरीत दिशा में बनाया जाएगा। मौजूदा टॉवर जहां रनवे और टर्मिनल के बीच है, वहीं नया टॉवर रनवे के दूसरी ओर बनाया जाएगा। यह डबल रनवे को देखते हुए प्लान किया जा रहा है, ताकी भविष्य में अगर यहां दो रनवे बनते हैं तो दोनों ही रनवे पर आने और जाने वाले विमानों को यहां से आसानी से राह दिखाई जा सके।
अगले साल तक पूरा होगा नया टॉवर
एटीसी टॉवर में एक्सपट्र्स आने और जाने वाले विमानों को हर तरह की तकनीकी मदद उपलब्ध करवाते हैं। इसमें ही मौसम विभाग का भी कार्यालय होता है। टॉवर से ही मौसम से जुड़ी जानकारी जैसे हवा की गति, दिशा, दबाव, दृश्यता जैसी जानकारी पायलट को उपलब्ध करवाई जाती है। वहीं रनवे पर लैंडिंग से पहले पायलट को एटीसी से ही मंजूरी लेना होती है। इसलिए इसे एयरपोर्ट और विमान संचालन का सबसे प्रमुख अंग कहा जाता है। अगले माह इसके निर्माण के लिए मुख्यालय से टेंडर जारी होंगे। इसके बाद इसका निर्माण शुरू होगा और उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इससे इंदौर से जुड़ी हवाई सेवा और ज्यादा बेहतर हो सकेगी।
– रमेशकुमार, एयरपोर्ट डायरेक्टर
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