इंदौर। पिछले कुछ दिनों से शहर (Indore) के कई इलाकों में नया कौतुक चल रहा था, जिसके चलते सीमेंट की सडक़ों (cement roads) को ड्रेनेज (Drainage) और नर्मदा की लाइनों (narmada lines) के लिए खोदा जाता था और बाद में डामर (Asphalt) का पैचवर्क कर सडक़ को बदरंग कर दिया जाता था। कुछ ही समय में डामर की सडक़ उखड़ जाती है। इसी के चलते नगर निगम अब ऐसी सडक़ों पर कांक्रीट का कार्य कराएगा। इसके लिए 80-80 लाख के दो पैकेज में टेंडर जारी किए जाएंगे।
शहर की दर्जनों सडक़ों पर किए गए ऐसे प्रयोग अब वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन रहे हैं और कई जगह नई सीमेंट की सडक़ें खस्ताहाल हो रही हैं। नगर निगम के अफसरों को नई सडक़ें बनने के बाद ही ड्रेनेज लाइन और नर्मदा की लाइन बिछाने की याद आती है या उसके सुधार कार्य पूरी सडक़ बनने के बाद ही शुरू होते हैं। नई सडक़ों का ऐसे ही कबाड़ा किया जाता है। सरवटे टू गंगवाल सडक़ के लिए कई हिस्सों में जैसे-तैसे काम पूरा हो पाया था तो वहां भी नगर निगम की टीम ने सडक़ें खोद दीं। मच्छी बाजार, कड़ावघाट, पंढरीनाथ सहित कई इलाकों में सडक़ें खोदी गईं और फिर बाद में उन स्थानों पर सीमेंट कांक्रीट के बजाय डामर का पैचवर्क किया गया। इसी प्रकार रेसकोर्स रोड पर भी दर्जनों बार नर्मदा लाइनों के लिए सडक़ें खोदी गईं और वहां एक-एक माह तक काम चलते रहे, लेकिन न तो लीकेज मिल पाया और न सडक़ें दुरुस्त हुर्ईं। बाद में रहवासियों की शिकायत पर निगम ने अस्थायी तौर पर कई जगह डामर के पैचवर्क कर दिए, जिससे पूरी सडक़ खराब लगती है। जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक अब इस मामले में नगर निगम 80-80 लाख के दो टेंडर जारी कर अलग-अलग चरणों में काम शुरू कराएगा। सीमेंट की सडक़ों पर किए गए डामर के पैचवर्क हटाकर वहां कांक्रीट के कार्य कराए जाएंगे, ताकि सडक़ मजबूत रहे। कई जगह डामर के पैंचवर्क फिर से उखड़ जाते हैं और सडक़ें बदहाल होती हैं।
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