इंदौर। बेसमेंट (basement) चल रही व्यवसायिक गतिविधियों को सील करने के साथ निगम (Corporation) ने सभी झोनवार पार्किंग स्थलों (Parking spots) को खाली करवाने का अभियान भी शुरू किया है। कल 150 से अधिक इमारतों पर अभी तक कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं जेल रोड (Jail Road) जैसे व्यस्त क्षेत्र में भी अब मुहिम चलेगी। वहीं योजना क्र. 54, पीयू-4 में भी 30 बिल्डिंगों को नोटिस थमाए थे, जिसमें से 9 ने स्वत: अपने अतिक्रमण और निर्माण तोडऩा शुरू कर दिए, ताकि पार्किंग (parking) की सुविधा उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही पिछले दिनों निगम ने जाहिर सूचना के माध्यम से भी शहर की सभी इमारतों को 10 दिन की मोहलत दी है, जो इस हफ्ते पूरी हो जाएगी। उसके बाद निगम अपने सभी 22 झोनों में एक साथ बेसमेंट सील करने की कार्रवाई शुरू करेगा। फायर फाइटिंग के मामले में भी निगम ने कई बिल्डिंगों-अस्पतालों, होस्टलों को नोटिस जारी किए हैं।
एबी रोड स्थित शॉपिंग मॉल के पीछे प्राधिकरण की योजना पीयू-4 है, जिसमें चाय-किराना व्यापारियों को भूखंड दिए थे। मगर अधिकांश स्थानों पर अन्य उपयोग चल रहे हैं। हालांकि प्राधिकरण अभी तक लीज निरस्ती सहित अन्य कार्रवाई कई बार सर्वे करने के बावजूद नहीं कर पाया है। दूसरी तरफ नगर निगम ने झोन क्र. 22 के अंतर्गत आने वाले इस पीयू-4 क्षेत्र में भी सार्वजनिक पार्किंग पर अवैध अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों को समझाइश दी और 30 को नोटिस भी थमाए, जिनमें से 9 भवन मालिकों ने स्वत: अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाना शुरू कर दिए। सभी व्यापरियों को यह भी कहा गया है कि वे फिर से अतिक्रमण भी इन खाली करवाए स्थानों पर न होने दें। दूसरी तरफ निगम का राजस्व अमला सम्पत्ति कर वसूली में भी जुटा है। वार्ड 36 के अंतर्गत आने वाली टाउनशिप में लाखों रुपए का टैक्स बकाया होने पर 85 प्लाटों पर कार्रवाई की गई और जब्ती-कुर्की के बाद अगर सम्पत्ति कर जमा नहीं किया तो नीलामी भी की जाएगी। वहीं निगम ने जाहिर सूचना के माध्यम से भी शहर की सभी इमारतों को 10 दिन की मोहलत दी है, ताकि वे अपने पार्किंग स्थलों को खाली करवा लें। पिछले दिनों हाईकोर्ट में भी निगम इस बात का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया कि कितनी ऐसी बिल्डिंगें हैं जिनमें अधिभोग प्रमाण-पत्र के बिना ही वहां पर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई। यही कारण है कि निगम को ये जाहिर सूचना निकालना पड़ी, जिसमें 10 दिन की मोहलती भी दी है, जो इस हफ्ते पूरी हो जाएगी। उसके बाद देखना यह है कि निगम कितनी इमारतों पर कार्रवाई कर पाता है। अभी बेसमेंट सील करने की कार्रवाई में भी यह देखा गया कि कई शॉपिंग मॉल, बड़ी होटलों और प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया गया। वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे नवनिर्माण हो रहे हैं जहां पर शत-प्रतिशत आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक निर्माण कर लिए गए और पार्किंग की एक इंच भी जगह नहीं छोड़ी गई है, जिसके चलते इन क्षेत्रों में अभी से समस्या उत्पन्न होने लगी है।
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