
- 5 साल पहले शासन ने भिजवाया था आदेश, अब महापौर ने मुख्यमंत्री से की चर्चा
- छूट जारी रखने के साथ स्मार्ट सिटी के नक्शे में भी नहीं लगेगा अधिक शुल्क
- 500 करोड़ का लोन लेने पर भी शासन की सहमति
इंदौर, राजेश ज्वेल। कल भोपाल (Bhopal) में मुख्यमंत्री (CM) के साथ विभागीय मंत्री (Departmental Ministers) ने इंदौर (indore) सहित एक दर्जन महापौरों (Mayors) से चर्चा की। चर्चा के दौरान एमओएस (MOS) पर संपत्तिकर (property tax) नहीं लगाने की मांग इंदौर महापौर ने की, जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया। अब इस संबंध में जल्द ही विभागीय आदेश जारी हेगा।
दरअसल पांच साल पहले शासन ने एमओएस पर भी संपत्तिकर आरोपित करने का आदेश भिजवा दिया था, जिसे हटाने की मांग इंदौर महापौर द्वारा की गई। उसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह मांग भी मान ली कि स्मार्ट सिटी के मंजूर होने वाले अभिन्यासों में भी दिया जाने वाला अधिक शुल्क भी रहवासियों को नहीं देना पड़ेगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इन निर्णयों के शासन स्तर पर मंजूर होने की जानकारी देते हुए कहा कि 500 करोड़ रुपए तक का लोन दिए जाने पर भी सहमति मिल गई है। नगर निगम द्वारा ये लोन अपनी बिल्डिंग को पूर्ण करने, फ्लाईओवर बनाने और 150 करोड़ रु. नए वाहनों की खरीदी और वर्कशाप को आधुनिक करने पर खर्च होना है। कल भोपाल में दोपहर को विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ महापौरों की चर्चा हुई, जिसमें विजयवर्गीय ने अवैध कालोनाइजेशन रोकने और उनसे संबंधित कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के अलावा अवैध से वैध हुई कालोनियों में नक्शा मंजूरी के इंदौर महापौर के सुझाव को भी सहमति दी। महापौर भार्गव ने बताया कि जो कालोनियां वैध हो गई हैं, उनमें अभी रहवासियों को नक्शा मंजूर करवाने में दिक्कत आ रही है। लिहाजा इस संबंध में भी शासन स्तर पर नियमों में परिवर्तन कर आदेश भिजवाने का अनुरोध किया गया है। कल शाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह हुआ कि अब एमओएस पर संपत्तिकर नहीं लगेगा इस आधार पर विभागीय आदेश जारी हो जाएंगे। साथ ही स्मार्ट सिटी के अभिन्यास सहित अन्य कई मांगों को भी मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है।