तकनीकी बाधा हुई दूर, कोर्ट के सामने परिवहन विभाग ने रखा पक्ष, अब फैसले का इंतजार
इंदौर। नौलखा बस स्टैंड (Naulakha bus stand) जल्द ही नायता मुंडला (Naita Mundla) में बने नए बस स्टैंड पर शिफ्ट हो सकता है। जिला प्रशासन (District Administration) 16 फरवरी से इसे शिफ्ट करने की तैयारी में था, लेकिन बस संचालक (Bus operators) इसके खिलाफ कोर्ट पहुंच गए थे, जहां से उन्हें स्टे मिल जाने से मामला अटक गया था। अधिकारियों का कहना है कि जिन आधारों पर स्टे दिया गया था, वे सभी तकनीकी बाधाएं दूर हो चुकी हैं, जिसके बारे में कोर्ट को जानकारी भी दे दी गई है। अब अगली सुनवाई के बाद बस स्टैंड शिफ्ट करने पर लगी रोक हटने की पूरी उम्मीद है, जिससे बस स्टैंड को शिफ्ट किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि नायता मुंडला में आरटीओ ऑफिस के पास नया बस स्टैंड बनाया गया है। जिला प्रशासन ने बस स्टैंड बन जाने के बाद शहर के ट्रैफिक को सुचारु करने के लिए नौलखा और तीन इमली से चलने वाली बसों को 16 फरवरी से नायता मुंडला के नए बस स्टैंड से चलाने के आदेश दिए थे, लेकिन बस संचालक इस पर राजी नहीं थे। प्रशासन की सख्ती देख बस संचालकों ने कोर्ट की शरण ली थी। अधिकारियों ने बताया कि बस संचालकों ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए नए बस स्टैंड की वैधानिकता पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा था कि इसे न तो मास्टर प्लान में घोषित किया गया है, न ही शासन द्वारा यहां बस स्टैंड को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी किया गया है। साथ ही बस संचालकों ने यात्रियों की परेशानी सहित वहां तक लोक परिवहन साधनों के अभाव और एप्रोच रोड में बाधाओं जैसी बातें भी रखी थीं। इस पर कोर्ट द्वारा स्टे दे दिया गया था। आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि बस स्टैंड का नोटिफिकेशन हो चुका है और मास्टर प्लान में यह पहले से शामिल था। इस मामले पर पिछले दिनों हुई सुनवाई में कोर्ट को भी जानकारी दी जा चुकी है। अगली सुनवाई पर मामले में स्टे खारिज हो सकता है।
यात्रियों को होगी परेशानी
बस स्टैंड को शिफ्ट किए जाने से बस संचालकों के साथ ही यात्रियों को भी परेशानी होगी। शहर के मध्य और पश्चिमी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए नौलखा के बजाय नायता मुंडला जाना बहुत दूर पड़ेगा। यहां तक का रिक्शा या टैक्सी का किराया भी बहुत ज्यादा चुकाना पड़ेगा। यहां के लिए अभी पर्याप्त सिटी बसें भी संचालित नहीं हो रही हैं। साथ ही रात के वक्त महिला और बच्चों को खासी परेशानी होगी। बस संचालकों का यह भी तर्क है कि जब शहर के बीचोबीच सरवटे बस स्टैंड, गंगवाल बस स्टैंड और प्रशासन का एआईसीटीएसएल बस स्टैंड चल सकता है तो नौलखा से क्या परेशानी है। पूरे शहर में सिटी बसों से अगर परेशानी नहीं है तो यात्री बसों से क्यों परेशानी है।
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