इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore of Madhya Pradesh) में वायु प्रदूषण (air pollution) रोकने के लिए नई कवायद की जा रही है। इंदौर के होटलों को तंदूर फ्री करने के बाद नगर निगम (municipal Corporation) ने तय किया है कि सरकारी अलाव में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा। अब तक शहर में शीतलहर के समय नगर निगम 100 से ज्यादा स्थानों पर लकड़ी के अलाव जलता रहा है। अब यहां बिजली से सरकारी अलाव (official bonfire) जलाए जाएंगे। शहर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए गठित कमेटी की बैैठक हुई।
इंदौर के संभागायुक्त ने अब तक हुए उपायों की समीक्षा की और उन्हें नाकाफी बताया। नगर निगम, परिवहन, बिजली कंपनी, नगर तथा ग्राम निवेश सहित अन्य विभागों को वायु प्रदूषण रोकने के लिए अपने स्तर पर कवायद करने के लिए कहा गया है। बैठक में कहा गया कि इंदौर के आसपास भी किसान पराली जलाने लगे है। इससे हवा में प्रदूषण फैलता है। इसके लिए किसानों को समझाएं।
बैठक में बताया गया कि नगर निगम ने शहर के सराफा, मेघदूत मार्केट को भट्टी फ्री कर दिया है। इसके अलावा 448 रेस्टोरेंट में तंदूर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। नगर निगम भी इस साल सरकारी अलाव में भट्टी का इस्तेमाल नहीं करेगा। बैठक में कलेक्टर इलैया राजा टी, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित अन्य अफसर मौजूद थे। आपको बता देें कि एनजीटी के निर्देश पर शहर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया है, लेकिन फिर भी शहर में प्रदूषण के हालात पांच साल पहले जैसे हैै। शहर सफाई मेें देश में पहले स्थान पर है, लेकिन वायु प्रदूषित है।
यह होगी वायु प्रदूषण रोकने के लिए कवायद
स्कूल बसों व कमर्शियल वाहनों के प्रदूषण स्तर की नियमित जांच होगी। तेल कंपनियां भी दो-दो प्रदूषण केंद्र उपलब्ध कराएगी।
शहर की सीमा पर पीयूसी केंद्र स्थापित होंगे। पेट्रोल पंपों पर भी वाहनों के प्रदूषण की नियमित जांच होगी।
मुक्तिधामों में भी गोकाष्ट के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि लकड़ियों का जलाने में कम से कम इस्तेमाल हो सके।
शहरी सीमा के आसपास के ढाबों संचालकों को भी कहा जाएगा कि वे तंदूरी रोटी के लिए भट्टी का इस्तेमाल न करे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved