इंदौर। नए मास्टर प्लान (new master plan) की कवायद के चलते पिछले दिनों नगर तथा ग्राम निवेश ने जिन 79 गांवों को निवेश क्षेत्र (Investment Regions) में शामिल करते हुए उनके वर्तमान भू-उपयोग (Land Use) के मानचित्रों का प्रकाशन किया और दावे-आपत्तियां 31 अक्टूबर तक आमंत्रित की। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल (Joint Director SK Mudgal) के मुताबिक 300 से अधिक दावे-आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिनकी ग्रामवार छंटाई करने के बाद 10 नवम्बर के पश्चात सुनवाई की जाएगी, जो कि एक दिन में ही सम्पन्न होगी। स्थानीय कार्यालय में ही सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
2035 तक के लिए इंदौर (Indore) का नया मास्टर प्लान तैयार होगा, जिसकी कवायद शासन-प्रशासन और नगर तथा ग्राम निवेश ने शुरू कर दी है। पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह ने उद्योग जगत के अलावा अन्य संबंधित स्टैक होल्डरों के साथ ही आगामी मास्टर प्लान (Upcoming Master Plan) को लेकर बैठक बुलाई और उनके सुझाव भी लिए गए। मेट्रो (Metro) सहित अन्य तमाम प्रोजेक्टों अमृत स्मार्ट सिटी (Amrit Smart City) के तहत मास्टर प्लान का निर्धारण होगा। वहीं नगर तथा ग्राम निवेश ने 79 गांव निवेश क्षेत्र में शामिल किए और उनके वर्तमान भू-उपयोग के मानचित्रों का प्रकाशन कर 31 अक्टूबर तक दावे-आपत्तियां बुलवाई थी। संयुक्त संचालक एसके मुद्गल (Joint Director SK Mudgal) के मुताबिक 300 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई है, जिनकी छंटाई करवाई जा रही है। चूंकि नियमों के मुताबिक उनके स्तर पर ही सुनवाई की प्रक्रिया होना है। लिहाजा 10 नवम्बर के बाद एक दिन में ही सुनवाई कर ली जाएगी। इन 79 गांवों में हालांकि अधिकांश जमीनों का वर्तमान उपयोग कृषि है, मगर भविष्य की प्लानिंग के मुताबिक आवासीय-व्यवसायिक से लेकर अन्य उपयोग भी निर्धारित किए जाएंगे। मगर उसकी प्रक्रिया बाद में शुरू होगी, जब मास्टर प्लान-2035 के प्रारुप का प्रकाशन किया जाएगा। नए निवेश क्षेत्रों में जो गांव शामिल किए गए हैं, उनमें फूल कराडिय़ा, माली बड़ोदिया, खैमाना, हिंगोनियाखुर्द, बाल्याखेड़ी, बीसनखेड़ा, खतरीखेड़ी, बेगमखेड़ी, झलारिया, चौहानखेड़ी, रामगढ़, आम्बामाल्या, गाढ़ी पिपल्या, उपड़ीनथा, सोनगीर, हासाखेड़ी, पिपल्या तफा, असरावद बुजुर्ग, जामनियाखुर्द, बिहाडिय़ा, तिल्लौरखुर्द, कपालियाखेड़ी, सोनगुराडिय़ा, धमनाय, उज्जैनी, सोनवाय, धरनावद, सावल्याखेड़ी, हातोद, बोरिया, खजुरिया, कांकरिया, बोर्डिया, सगवाल, सतलाना, खारवाखेड़ी, मुंडला दोस्तदार, पाल्या हेदर, कुवार्डा, जुनार्दा, राजधरा, बुरानाखेड़ी, साहूखेड़ी, छटकाना (Phool Karadia, Mali Barodia, Khaimana, Hingoniakhurd, Balyakhedi, Bisankheda, Khatrikhedi, Begumkhedi, Jhalaria, Chauhankhedi, Ramgarh, Ambamalya, Gadhi Pipalya, Upadintha, Songir, Hasakhedi, Pipalya Tafa, Asrawad Buzurd, Jamniakhurd, Bihadia, Tillorkhurd, Kapaliyakhedi, Songuradia, Dhamnay, Ujjaini, Sonvay, Dharnavad, Hajuriyakhedi, Bodaria, Savaliyakhedi, Savaliya, Bodaria, Jamniakhurd, Bihadia, Tillorkhurd, Kapaliyakhedi, , Satlana, Kharwakhedi, Mundla Dostdar, Palya Heydar, Kuwarda, Junarda, Rajdhara, Buranakhedi, Sahukhedi, Chhatkana) आदि शामिल हैं। 31 अक्टूबर तक इन 79 गांवों के वर्तमान भूमि उपयोग के मद्देनजर आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे। हालांकि अधिकांश आपत्तियां एक-दूसरे से मिलती-जुलती भी रहेगी और कई लोगों ने यह भी संभव है कि आगामी भू-उपयोग क्या चाहिए उसके हिसाब से भी आवेदन प्रस्तुत कर दिए होंगे, जिसके चलते एक दिन में ही सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 13 (2) के तहत निवेश क्षेत्र की सीमाओं में वृद्धि के बाद उनके वर्तमान भू-उपयोग के नक्शे तैयार करवाकर ये दावे-आपत्तियां ली गई हैं।
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