एनजीटी सदस्य ने की प्रशंसा, 9 टन मेडिकल और सेनेटरी वेस्ट भी रोजाना निकलता है
इंदौर। स्वच्छता में लगातार 6 बार नम्बर वन आने के साथ ही इंदौर ने पर्यावरण सुधार, कचरा निपटान, भूजल स्तर में वृद्धि, वाटर प्लस (Environment Improvement, Garbage Disposal, Groundwater Level Rise, Water Plus) सहित अन्य कार्यों में भी श्रेष्ठता साबित की है, जिसके चलते इंदौर का मॉडल ना सिर्फ बेस्ट है, बल्कि अन्य जिलों और बड़े शहरों के लिए भी अनुकरणीय है। यह बात राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एनजीटी (NGT) की प्रिंसिपल बैंच नई दिल्ली के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने कल अपने इंदौर दौरे के दौरान कही। उन्होंने कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी एसएन द्विवेदी सहित अन्य के साथ हुई मीटिंग में कही। इंदौर में 9 टन बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान भी रोजाना होता है।
डॉ. अहमद ने कल यहां एआईसीटीएसएल के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में इंदौर में अपशिष्टों के निस्तार विशषेकर बॉयो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की समीक्षा की। डॉ. अहमद ने कहा कि बॉयो मेडिकल वेस्ट का उचित और वैज्ञानिक तरीके से निपटान होना अतिआवश्यक है। इसके लिये उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र से निकलने वाले बॉयो मेडिकल वेस्ट के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये वैज्ञानिक मानकों के तहत कार्य करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार 6 वर्षों से अव्वल रहने से इंदौर के प्रशासन और नागरिकों ने अपने जागरूकता, सक्षमता, संवेदनशीलता और कर्मठता का बेहतर परिचय दिया है। इंदौर में नयी ऊँचाईयों को हासिल किया है। स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और जिले की समस्त प्रशासनिक टीम तथा नागरिक बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर अब अपशिष्टों के निस्तारण के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाये। उन्होंने कहा कि इंदौर में भू-जल स्तर में सुधार और जल की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में भी अच्छे कार्य हुये है। उन्होंने निर्देश दिये कि भू-जल के उपयोग के लिये होटल और हॉस्पिटलों को अनुमति लेना होगी। अनुमति की प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इंदौर में वॉटर प्लस की दिशा में भी अच्छे कार्य हुये है। जल की गुणवत्ता बनाये रखना सभी नागरिकों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखा जाये कि किसी भी स्तर पर जल प्रदूषित नहीं होने पाये।
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