इंदौर। मुख्यमंत्रीजी (CM) , आखिर हम कब तक ड्रेनेज, सड़क, पानी और बिजली (Drainage, roads, water and electricity) की समस्याओं में उलझे रहेंगे। यह काम नगर निगम (municipal corporation) का है, लेकिन काम नहीं होने पर परेशान जनता (public) सीधे हमारे दफ्तर पर आकर बैठ जाती है। हमारा आधा दिन तो इसी काम में निकल जाता है। सरकार में तो हमारी सुनवाई हो जाती है, लेकिन थोड़ा नगर निगम का काम भी सुधरवाएं। सरकार इंदौर नगर निगम को फंडिंग भी करे, अन्यथा हमारी परेशानी बढ़ेगी।
यह व्यथा थी इंदौर के ज्यादातर विधायकों की, जो शुक्रवार को भोपाल में मुख्यमंत्री की इंदौर संभाग के विधायकों से सामूहिक चर्चा के बाद हुई पांच-पांच मिनट की वन-टू-वन मीटिंग में जुबां पर आ गई। विधायकों का कहना था कि शहर में लंबे समय से कई सड़कें खुदी पड़ी हैं। ठेकेदार काम तो ले लेते हैं, पर समय पर पेमेंट नहीं मिलने के कारण अधूरा छोड़ देते हैं। परेशान लोग पहले पार्षद के यहां दस्तक देते हैं। वह तो यह कहकर हाथ खड़ा कर देता है कि मैं क्या करूं, अफसर मेरी सुनते ही नहीं हैं। पर हम तो ऐसा नहीं कर सकते। अधूरे पड़े सड़कों के निर्माण जल्दी पूरा होना चाहिए। इसके लिए जरूरत पड़े तो सरकार नगर निगम को फंड दे। विधायक गोलू शुक्ला का कहना था कि छोटे-छोटे काम के लिए जनता हमारे पास आती है, जबकि यह काम तो नगर निगम को प्राथमिकता पर कर देना चाहिए। उन्होंने इंदौर एक विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिकताएं भी मुख्यमंत्री के सामने रखीं।
मालिनी गौड़ ने कहा मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी सड़कों की बुरी हालत है। शहर में ड्रेनेज की समस्या भी बढ़ती जा रही है। यह सीधे जनता से जुड़े मुद्दे हैं। उन्होंने शहर में आवारा पशुओं के फिर सड़कों पर स्वच्छंद विचरण का मुद्दा भी मुख्यमंत्री के सामने रखा और कहा कि जब मैं महापौर थी, तब एक जानवर सड़क पर नहीं दिखता था। उन्होंने शहर में नशीले पदार्थों के बढ़ते कारोबार पर सख्ती से अंकुश की बात कही और बोलीं- हमें नई पीढ़ी की चिंता है।
मधु वर्मा ने कहा- सरकार नगर निगम को आर्थिक मदद करे। उन्होंने एमआर-3 के साथ ही पालदा क्षेत्र में नई पानी की टंकी और राऊ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में नर्मदा का पानी पहुंचाने का मामला मुख्यमंत्री के सामने रखा। उनका कहना था कि केवड़ेश्वर और देवगुराड़िया धर्मस्थलों के विकास के लिए भी सरकार पैसा दे। वर्मा ने इंदौर में पुलिस फोर्स बढ़ाने की मांग भी रखी। बढ़ते शहर के मद्देनजर यह बहुत जरूरी हो गया है। वर्मा पूरी तैयारी के साथ अपने क्षेत्र से जुड़े विकास के अनेक प्रस्ताव लेकर बैठक में पहुंचे थे।
महेंद्र हार्डिया ने इंदौर पांच से जुड़े कई मुद्दे मुख्यमंत्री के सामने रखते हुए कहा- इनमें सरकार मदद करे। इसी तरह रमेश मेंदोला ने इंदौर दो विधानसभा क्षेत्र में सरकार के अलग-अलग विभागों से संबंधित विकास प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखे और कहा कि इन पर शासन स्तर से जल्दी निर्णय होना चाहिए।
अफसर पूरे समय ऑनलाइन रहे
जब मुख्यमंत्री का विधायकों से सामूहिक संवाद चल रहा था, तब जिलेवार चर्चा के दौर में संबंधित जिलों के अफसर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन थे। विधायकों ने जब मुद्दे उठाए तो मुख्यमंत्री ने तत्काल संबंधित जिले के कलेक्टर से उनका जवाब भी मांगा। विधायकों के विकास प्रस्ताव पर उन्होंने अफसरों से कहा कि इनका परीक्षण करवाकर तत्काल स्वीकृति दें और काम शुरू करवाएं।
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