इन्दौर। यह बात समझ से परे है कि जब देश में करोड़ों वैक्सीन डोज पड़े हैं, तो उस पर कुंडली मारकर केन्द्र सरकार क्यों बैठी है..? वैक्सीन की दर और गाइडलाइन तय करने के साथ ये करोड़ों वैक्सीन देशभर में पहुंचा दी जाए, ताकि बुजुर्गों को धक्के ना खाना पड़े। इंदौर सहित देशभर में बुजुर्गों को परेशान होने, नारे लगाने की खबरें आ रही है। इंदौर में मात्र 10 सेंटरों पर ये वैक्सीन लग रहे हैं, जबकि एक साथ 100 से अधिक सेंटरों पर वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है।सीरम इंस्टीट्यूट के पास 10 करोड़ से ज्यादा कोविशिल्ड वैक्सीन के डोज तैयार पड़े हैं और यही स्थिति भारत बायोटैक के कोवैक्सीन की है, उसके पास भी करोड़ों डोज हैं और रोजाना तेजी से निर्माण भी चल रहा है। एक तरफ मोदी सरकार यह ढोल पीटती है कि कोरोना वैक्सीन के मामले में भारत दुनियाभर में अव्वल रहा है और दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसका प्रमाण देने के लिए खुद प्रधानमंत्री ने स्वदेशी वैक्सीन लगवाई। अब सवाल यह है कि जब यह वैक्सीन सुरक्षित है तो इसके करोड़ों डोज फिजुल क्यों पड़े हैं..? इन्हें देशभर में क्यों नहीं पहुंचाया जा रहा, ताकि बुजुर्गों से लेकर किसी भी उम्र के व्यक्ति को अगर स्वेच्छा से वैक्सीन लगवाना है तो वह सरकारी या निजी अस्पताल में जाकर लगवा ले। गरीबों को नि:शुल्क सरकारी अस्पताल में और सक्षम लोगों को सशुल्क निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाने की अनुमति मिलना चाहिए। इंदौर में ही कल 60 साल से अधिक या 45 साल से अधिक बीमारियों से पीडि़त लोगों की भीड़ सभी 10 सेंटरों पर नजर आई और चार घंटे में ही तय लक्ष्य के मुताबिक वैक्सीन लग गई। वहीं घंटों कतार में लगकर बुजुर्गों को इंतजार अलग करना पड़ा, जबकि 100 से अधिक इंदौर के ही सेंटरों पर आसानी से वैक्सीन लगवाई जा सकती है। बावजूद इसके उम्र से लेकर ढेर सारे बंधन केन्द्र सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए फिजुल में थोप रखे हैं। दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण फिर बढऩे लगा है।
फाइजर-मार्डना को भी नहीं दी अभी तक मंजूरी
फाइजर और मार्डना जैसी विश्व की बड़ी दवा कम्पनियों की वैक्सीन को भी केन्द्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी है, जबकि बाजार में ये वैक्सीन भी उपलब्ध करवा देना चाहिए और कोई भी व्यक्ति जिस तरह दवाई खरीदता है उसी तरह मेडिकल स्टोर से तय कीमत पर वैक्सीन खरीदकर लगवा सकेगा और उसके पास वैक्सीन का विकल्प भी रहेगा कि उसे किस कम्पनी की वैक्सीन लगवानी है। अभी तो केन्द्र सरकार ने अपने मुताबिक ही तय कर रखा है कि जनता किस कम्पनी की वैक्सीन लगवाएगी।
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