इंदौर। पिछले 5 माह से इंदौर मेट्रो का काम ठप पड़ा है, अब सोमवार से शुरू करवाया जा रहा है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इस संबंध में बैठक भी ली, जिसमें ठेकेदार फर्म और कंसल्टेंट फर्म के साथ चर्चा की गई और भोपाल स्थित डायरेक्टर भी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए मौजूद रहे। पहले चरण का काम एमआर-10 से पूर्वी रिंग रोड मुमताजबाग चौराहा तक किया जाना है।
2023 तक इंदौर मेट्रो दौड़ाने का दावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके शिलान्यास अवसर पर किया था। उसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन लगा और मेट्रो का काम भी ठप पड़ गया। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी इंदौर-भोपाल के इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की। भोपाल में तो काम शुरू हो गया, लेकिन इंदौर में अभी तक प्रोजेक्ट ठप पड़ा है, जबकि सभी विभागों के विकास कार्य शुरू हो चुके हैं। अब निगमायुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक सोमवार से इंदौर मेट्रो का भी काम शुरू हो जाएगा। इस संबंध में कल उन्होंने बैठक भी ली थी, जिसमें वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कम्पनी लिमिटेड के डायरेक्टर जितेन्द्र दुबे भी मौजूद थे। वहीं अपर आयुक्त एस. कृष्ण चैतन्य, मेट्रो प्रोजेक्ट देख रहे शोभित टंडन, कांट्रेक्टर एजेंसी दिलीप बिल्डकॉन और कंसल्टेंट के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में मेट्रो के विकास कार्यो के संबंध में विस्तार से चर्चा की जाकर, समस्त एजेंसियों द्वारा मेट्रो के कार्यो में किये गये कार्यो की समीक्षा की गई। साथ ही मेट्रो के कार्यो के सुचारू रूप से करने के लिये सुझाव भी लिये गये। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले सप्ताह से कांटे्रक्टर को मेट्रो के प्लान अनुसार निर्धारित स्थान से कार्य प्रारम्भ करने होगा, जिसमें जनरल कांट्रेक्टर कार्य में पूरा सहयोग करेंगे। आयुक्त सुश्री पाल द्वारा बैठक में उपस्थित कांट्रेक्टर को अगले सप्ताह सोमवार से कार्य पुन: प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए। उल्लेखनीय है कि इंदौर मेट्रो के पहले चरण का काम एमआर-10 से लेकर पूर्वी रिंग रोड मुमताजबाग चौराहा तक किया जा रहा है। एमआर-10 से बापट चौराहा और इसी तरह रिंग रोड पर भी मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दोनों तरफ टीन शेड लगा दिए हैं और पाइल्स खुदाई से लेकर कुछ काम मौके पर हुए भी हैं, उसके बाद कोरोना के चलते काम ठप हो गया। हालांकि अभी बारिश के कारण भी मेट्रो प्रोजेक्ट पूरी रफ्तार से इतनी जल्दी शुरू नहीं हो सकेगा, क्योंकि इसके साथ ही मजदूरों की भी दिक्कत आएगी, क्योंकि कई मजदूर अपने गांव लौट गए थे। उनकी वापसी भी अभी धीरे-धीरे हो रही है। वहीं कुमेर्डी में मेट्रो स्टेशन के अलावा उसका प्रशासनिक संकुल भी बनना है।
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