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    INDORE : 18 माह में बनकर तैयार होगा मेट्रो रेल डिपो

  • April 06, 2022

    सुपर कॉरिडोर पर 32 हेक्टेयर जमीन पर काम शुरू
    इंदौर।  मेट्रो रेल ट्रैक (Metro Rail Track) निर्माण के लिए जहां रिंग रोड (Ring Road) के रोबोट चौराहे (Robot Chauraha) से लेकर एमआर-10 (MR-10)  ब्रिज और सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर काम होता नजर आने लगा है, वहीं मेट्रो रेल संचालन (Metro Rail Operations) में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मेट्रो डिपो बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इसके लिए सुपर कॉरिडोर-पीथमपुर रोड जंक्शन के पास 32 हेक्टेयर जमीन पर डिपो बनाने का काम मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Madhya Pradesh Metro Rail Corporation Limited) ने लखनऊ (Lucknow) की कम्पनी को सौंपा है। कम्पनी ने जमीनी स्तर पर काम आरंभ कर दिया है ।


    डिपो निर्माण के लिए 300 करोड़ होंगे खर्च
    इंदौर मेट्रो रेल कम्पनी (Indore Metro Rail Company) द्वारा 2023 में सुपर कॉरिडोर से लेकर बंगाली चौराहे (Bengali Crossroads) तक ट्रैक निर्माण कर मेट्रो रेल चलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसको हासिल करने के लिए मेट्रो ट्रैक निर्माण करने वाली कम्पनी दिलीप बिल्डकॉन द्वारा 24 घंटे काम किया जा रहा है, ताकि समयसीमा में प्रोजेक्ट पूरा हो सके। लेकिन मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण डिपो का निर्माण होना आवश्यक है। बगैर डिपो के मेट्रो का संचालन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने लखनऊ की एक कम्पनी को जिम्मेदारी दी है। 300 करोड़ की लागत से मेट्रो रेल का डिपो 32 हेक्टेयर जमीन पर तैयार होगा, जिसके लिए 18 माह का समय तय किया गया है। यहीं पर इंदौर मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का प्रशासनिक कार्यालय भी बनाया जाएगा।
    मेट्रो डिपो में पिट लाइनें और प्रशासनिक भवन
    डिपो में मेट्रो के रखरखाव के लिए 10 से अधिक पिट लाइनें बनाई जाएंगी, जहां वाशिंग के साथ कोच इंजन का तकनीकी परीक्षण व रखरखाव होगा। इसके साथ स्पेयर पिट लाइनें भी होंगी। वहीं मेट्रो के प्रशासनिक कार्यायल से मेट्रो सिग्नल के लिए स्कॉडा सिस्टम बनाया जाएगा, जहां मेट्रो चालक को निर्देश प्राप्त होंगे और सारी सिग्नल प्रणाली काम करेगी।


    क्या होती है पिट लाइन
    पिट लाइन एक प्रकार का गड्ढा होता है। सामान्यत: ट्रैक के बीच में एक गड्ढा लंबाई में बनाया जाता है, जिसमें खड़े होकर ट्रेन का तकनीकी परीक्षण व सफाई कार्य किया जाता है। डिपो बनाने के बाद ही मेट्रो ट्रेन शुरू हो सकेगी। डिपो निर्माण करने वाली कम्पनी ने सुपर कॉरिडोर के पास स्थित 32 हेक्टेयर पर कब्जा लेकर तार फेंसिंग कर दी है। जमीन पर येलो स्टोन लगाकर सीमाएं तय कर दी हैं। इसके लिए डिपो निर्माण कंस्ट्रक्शन वर्क शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए जेसीबी से जमीन खुदाई और समतल करने का काम निरन्तर किया जा रहा है।


    ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम से गर्डर शिफ्टिंग
    मेट्रो ट्रैक निर्माण के लिए एमआर-10 ब्रिज से लेकर रोबोट चौराहे तक काम किया जा रहा है। एमआर-10 ब्रिज के पास ट्रैक के लिए गर्डर लांच की जा रही है। यहां ब्रिज होने के कारण गर्डर लांच करने के लिए मशीन नहीं लगाई गई है, क्योंकि बड़ी क्रेन के लिए यहां जगह की कमी पड़ रही है। इसलिए ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम तैयार कर गर्डर चढ़ाने का काम किया जा रहा है। वहीं एलिवेटेड ट्रैक लिए पांच किलोमीटर क्षेत्र में तेजी से पिलर का निर्माण कर सैगमेंट तैयार किए जा रहे है। वहीं पिलर अब विजय नगर चौराहे से रेडिसन चौराहे तक दिखाई देने लगे हैं। साथ ही विजय नगर रोटरी पर पिलर निर्माण के लिए पाइलिंग का काम किया जा रहा है। कल विजय नगर चौराहे से पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा शिफ्ट करने की कार्रवाई की गई।

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