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    इंदौर : वाट्सएप ग्रुप में डाला मैसेज मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, दो दिन से लापता

  • April 20, 2023

    अटाहेड़ा गेहूं खरीदी केंद्र पर कम्प्यूटर ऑपरेटर ने प्रबंधक पर लगाया लापरवाही का आरोप

    इंदौर कमलेश्वर सिंह सिसोदिया। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी केंद्रों पर कर्मचारियों की कमी और काम का दबाव साफ नजर आ रहा है। 2 दिन पहले देपालपुर (Depalpur) के एक गेहूं खरीदी केंद्र पर कंप्यूटर ऑपरेटर (Compueter Opretor) ने अपने वाट्सएप ग्रुप में प्रबंधक (Manager) पर आरोप लगाया कि पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं की जा रही, जिसके कारण किसानों का गुस्सा उसे झेलना पड़ रहा है। इतना ही नहीं उसने वाट्सएप ग्रुप में मैसेज डाल दिया कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। इसके बाद से वह लापता है। घटना के बाद संबंधित खरीदी केंद्र के प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।


    इंदौर जिले में समर्थन मूल्य पर 98 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर किसान सरकार को गेहूं बेच रहे हैं। इन खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाएं शुरू से ही हैं। किसान संयुक्त मोर्चा खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं को लेकर मोर्चा खोले हुए है और किसानों की समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचा रहा है। देपालपुर तहसील के अटाहेड़ा खरीदी केंद्र के प्रबंधक संतोष पटेल पर यही के कंप्यूटर ऑपरेटर सचिन पटेल ने आरोप लगाया कि वह काम में सहयोग नहीं करते , फोन तक नहीं उठाते, जिसके कारण उसे किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ता है। परेशान कंप्यूटर ऑपरेटर ने वाट्सएप ग्रुप में मैसेज डाल दिया कि व्यवस्थाओं से परेशान होकर मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। तब से ऑपरेटर सचिन लापता है। उधर इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल हर्षवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रबंधक संतोष पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं और आपरेटर की तलाश की जा रही है।

    कर्मचारियों का टोटा… मानसिक तनाव

    सहकारी समितियों के माध्यम से जिले में 91 समितियों और 7 मार्केटिंग संस्थाओं में गेहूं खरीदी कार्य जारी है। ज्यादातर समितियों में प्रबंधक समेत केवल 3 कर्मचारी हैं। कुछ समितियों में 4 कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं, जबकि एक समिति में 8 से 10 हजार किसान पंजीकृत होते हैं। गेहूं खरीदी के साथ ही इन समितियों को आगामी सीजन के लिए खाद एवं किसान क्रेडिट कार्ड की वसूली भी करना है, लेकिन कर्मचारी नाममात्र के हैं। इसके कारण काम का दबाव कर्मचारियों पर साफ दिख रहा है और किसानों को आने वाली परेशानी के कारण रोष खरीदी केंद्रों पर साफ देखा जा सकता है।

    इलेक्ट्रॉनिक तोल की मांग

    संयुक्त किसान मोर्चा गेहूं खरीदी केंद्रों पर शुरू से ही इलेक्ट्रॉनिक तोल की मांग कर रहा है। बबलू जाधव का कहना है कि इससे समय की बचत होगी और गर्मी में लोगों को परेशानी कम होगी। किसान मोर्चा का यह भी कहना है कि हर समिति पर अतिरिक्त कर्मचारी लगाना चाहिए, जिससे काम करने में आसानी होगी।

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