इंदौर: ग्वालियर हाई कोर्ट (Gwalior High Court) मे एक जनहित याचिका (Public interest litigation) पर आज हुई सुनवाई के दौरान इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव (Indore Mayor Pushyamitra Bhargava) बतौर अधिवक्ता नजर आए. सुनवाई मे इंदौर से ही वर्चुअल उपस्थित होकर उन्होंने अपना पक्ष रखा. ग्वालियर में निजी विश्वविद्यालय (private university) के कुलपति को त्वरित उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग करने के मामले में दो छात्रों पर लूट और डकैती का प्रकरण दर्ज करने के मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है.
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आज जस्टिस रोहित आर्या एवं जस्टिस बी के दिवेदी की युगलपीठ के समक्ष उन्होंने पैरवी करते हुए संबंधित मामले को लेकर हुई एफ़आईआर के ख़ात्मे हेतु तर्क दिये कि छात्रों के द्वारा किया गया प्रयास समाज को सीख देने वाला था. महापौर ने माँग करते हुए कहा कि न्यायालय एसे दिशा निर्देश जारी करें जिसमें प्रोटोकॉल में लगने वाली गाड़ियों शासकीय वाहनों का प्रयोग ( यदि एम्ब्यूलेंस को आने में समय है ) तो किया जा सके. अच्छी से अच्छी मेडिकल सुविधा बस स्टेड रेलवे स्टेड पर त्वरित मिले, इसे लेकर प्रयास किए जाए. न्यायालय ने जनहित याचिका में महापौर द्वारा उठाये गए विषय की प्रशंसा करते हुए सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष और सुझाव रखने के लिए कहा है साथ ही केंद्र सरकार, रेल मंत्रालय को भी याचिका में प्रत्यर्थी बनाये जाने हेतु निर्देश किया गया है.
यह है मामला
गौरतलब है कि 11 दिसंबर को ग्वालियर निवासी दो छात्र हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा हाई कोर्ट जज की गाड़ी को कथित रूप से लूटकर निजी विश्वविद्यालय के कुलपति रणजीत सिंह यादव को रेलवे स्टेशन के पास अस्पताल ले गए थे। बाद में दोनों छात्रों पर पुलिस ने लूट व डकैती की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया। इधर, अस्पताल ले जाए गए कुलपति यादव की जान भी नहीं बचाई जा सकी। दोनों छात्र 11 दिसंबर से ही जेल में थे, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई.
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