इंदौर (Indore)। सेंट्रल रेलवे ने इंदौर-मनमाड रेल लाइन का सर्वे पूरा कर लिया है। इसके निर्माण की लागत 22 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। प्रोजेक्ट की लागत इसलिए इतनी ज्यादा है, क्योंकि शुरुआत से ही इस पर दोहरी लाइन बिछाने का प्रस्ताव है, साथ ही दोनों लाइनें विद्युतीकृत भी होंगी। इसकी लंबाई 300 किलोमीटर से ज्यादा होगी। इस योजना में रेलवे ने महाराष्ट्र के धुले से नरडाणा के बीच 50 किलोमीटर हिस्से को नहीं जोड़ा है, क्योंकि इसमें पहले ही काम शुरू हो चुका है।
शनिवार को सांसद शंकर लालवानी ने पत्रकारवार्ता में बताया कि वे लगातार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अनिलकुमार लाहोटी से इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा कर रहे हैं। संभवत: अगले हफ्ते मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के नौ सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रेल मंत्री से मिलेगा और उनसे प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी देने का आग्रह करेंगे। सांसद का कहना है कि फिलहाल यह प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड के पास विचाराधीन है और वहां से मंजूरी के बाद पहले इसे नीति आयोग और केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष भेजा जाएगा।
अब इन हिस्सों में काम होना है
अब मनमाड प्रोजेक्ट के तहत महू से नरडाणा और धुले से मनमाड़ के बीच रेल लाइन बिछाने का काम होना है। इन दोनों हिस्सों में रेल लाइन के लिए 2200 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश का है। प्रोजेक्ट में 34 नए स्टेशन, 300 छोटे-बड़े पुल के अलावा 20 किमी लंबी नौ सुरंगें बनेंगी। योजना से मप्र-महाराष्ट्र के इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, धुलिया और नासिक जिलों को फायदा होगा।
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