इंदौर।अब मालवा-निमाड़, झाबुआ, इंदौर (Malwa-Nimar, Jhabua, Indore), उज्जैन, रतलाम, आलीराजपुर सहित कई जिले अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में धूम मचाएंगे। विदेशी मुद्रा का भंडार भरने के लिए इंदौर संभाग (Indore Division) के हर जिले से वहां के नामचीन प्रोडक्ट, यानी एक खास उत्पाद को एक्सपोर्ट के जरिए सात समंदर पार भेजा जाएगा।
एमपीआईडीसी (MPIDC) के अनुसार अब मालवा-निमाड़, झाबुआ के कडक़नाथ चिकन (Kadaknath Chicken), सफेद मूसली, महुआ के अलावा कपड़े, केले, आलू, प्याज, मिर्च से संबंधित उत्पादों को विदेशों के बाजार में उतारकर हर जिले को एक्सपोर्ट मार्केटिंग व फॉरेन ट्रेड बिजनेस (Export Marketing, Foreign Trade Business) से जोडऩे के लिए आज ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (Brilliant Convention Centre) में एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। 15 जिलों इंदौर, धार, देवास, रतलाम, शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी को इनके खास उत्पादों के जरिए एक्सपोर्ट मार्केटिंग व फॉरेन ट्रेड बिजनेस (Export Marketing, Foreign Trade Business) से जोडऩे के लिए सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट, एक्सपोर्ट प्लानिंग की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी टारगेट के तहत एमपीआईडीसी (MPIDC), यानी एकेवीएन (AKVN) और फॉरेन ट्रेड विभाग (Foreign Trade Department) द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के चलते वाणिज्य उत्सव के अंतर्गत एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव के आयोजन संभाग स्तर पर किए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत भोपाल से की जा चुकी है। सरकार का दावा है कि जल्द ही राज्य के सभी जिलों से उनके विशेष उत्पादों को विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा।
एक्सपोर्ट के मामले में अभी हम बहुत पीछे
पिछले लगभग 20 सालों में इंदौर सहित मध्यप्रदेश के हर क्षेत्र में बड़ी रफ्तार से विकास हुआ है, मगर राष्ट्रीय स्तर पर हमारा एक्सपोर्ट बिजनेस (Export Business), यानी विदेशी मुद्रा भंडार भरने में हमारा योगदान लगभग 2.2 प्रतिशत का है। जबकि अकेले इंदौर मालवा में टेक्सटाइल्स, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, मेडिसिन, आईटी, मिनरल संबंधित एक्सपोर्ट मार्केटिंग व फॉरेन ट्रेड बिजनेस की भारी संभावनाएं मौजूद हैं।
एक्सपोर्ट में देश के टॉप टेन राज्यों की रेटिंग
एक्सपोर्ट के जरिए विदेशी मुद्रा भंडार भरने में इन 10 राज्यों के योगदान का प्रतिशत इस प्रकार है- महाराष्ट्र 22.3, गुजरात 17.2, कर्नाटक 12.7, तमिलनाडु 11.5, तेलंगाना 6.4, हरियाणा 4.90, उत्तरप्रदेश 4.80, वेस्ट बंगाल 3.20, आंध्रप्रदेश 2.80 प्रतिशत। वहीं गोवा टॉप टेन की लिस्ट में दसवें पायदान पर है। कुल मिलाकर महाराष्ट्र देश में पहला नंबर तो गुजरात दूसरे व कर्नाटक तीसरे नंबर पर है।
सभी 52 जिलों में होगी एक्सपोर्ट काउंसलिंग
संबंधित विभागों के जिम्मेदारों का कहना है कि राज्य के हर जिले में एक्सपोर्ट फॉरेन ट्रेड (Export Foreign ) संबंधित काउंसलिंग की जाएगी। हर जिले के एक खास उत्पाद की पहचान कर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सरकार के सहयोग व एक्सपोर्ट के जरिए कैसे पहुंचाया जाए, इसके लिए संबंधित लोगो को ट्रेंड कर उन्हें इसकी बारीकियां बताने के साथ फॉरेन ट्रेड का महत्व समझाया जाएगा।
यह जिले छाएंगे अंतरराष्ट्रीय बाजार में
आने वाले समय में खास उत्पादों की विदेशी बाजारों में धूम मचेगी । इसके लिए इन जिले व एक्सपोर्ट होने वाले इन उत्पादों को चुना गया है। इंदौर जिले के खास किस्म के आलू के अलावा इससे संबंधित अन्य उत्पाद, देवास के बांस, लहसुन, आलू, रतलाम के नमकीन, शाजापुर के संतरे, प्याज, आगर मालवा के संतरे, मंदसौर के लहसुन व संबंधित सामग्री, नीमच से आयुर्वेदिक औषधीय उत्पाद, उज्जैन का पोहा, खास किस्म का चावल व प्याज, धार से बाग प्रिंट वाले कपड़े, आलीराजपुर से महुआ, सफेद मूसली, झाबुआ से कडक़नाथ चिकन, खरगोन से मिर्च-मसाले, बड़वानी से अदरक व अदरक संबंधित उत्पाद, खंडवा से प्याज, बुरहानपुर से केले, यानी कुल मिलाकर इन 15 जिलों से यह सारे खास उत्पाद एक्सपोर्ट किए जाएंगे।
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