इंदौर। मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) को लेकर पहले ही सचेत हो गया है। शहर में 180 से अधिक बेड के दो अस्पताल कोविड मरीजों के लिए तैयार किये जा रहे हैं. कुल मिलाकर 10 हजार से ज्यादा बैड की व्यवस्था (Arrangement of more than 10 thousand beds) की जा रही है. इस हफ्ते कभी भी सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) इंदौर दौरे पर आ सकते हैं. तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इंदौर में अब तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. तीसरी लहर से निपटने के लिए करीब दस हज़ार बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है. लेटलतीफी दूर कर अटके हुए कामों में तेज़ी लाई जा रही है.
गर्भवती महिलाओं के लिए हॉस्पिटल
वैक्सीनेशन अभियान और तीसरी लहर की तैयारियों का जायज़ा लेने सीएम शिवराज सिंह चौहान इस हफ्ते इंदौर आ सकते हैं. उससे पहले सभी व्यवस्थाओ को दुरुस्त किया जा रहा है. सरकार पीसी सेठी अस्पताल को कोविड अस्पताल में तब्दील कर रही है. इसमें कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं और संक्रमित बच्चों को रखा जाएगा. अस्पताल में फिलहाल 110 बेड हैं, जिन्हें बढ़ाकर सवा दो सौ बेड का कर दिया जाएगा. 30 बेड गर्भवती महिलाओं के लिए रिजर्व रहेंगे. अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट काफी समय से आ चुका है, जिसे अब जल्द इंस्टॉल कराया जा रहा है.
दूसरी लहर में हुआ था बुरा हाल
कोरोना संक्रमण की लगातार दोनों लहर में इंदौर बुरी तरह हताहत हुआ था. पहली लहर के बाद उम्मीद थी कि हालात सुधरेंगें, लेकिन दूसरी लहर और ज्यादा भयावह साबित हुई. सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हुए. हालांकि इसके बाद शासन ने हर मोर्चे पर बंदोबस्त तो किये ही साथ ही सख्ती भी बढ़ा दी. दूसरी लहर के बाद अब हालत नियंत्रित हैं. शहर में अब प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दस से कम पहुंच गई है. लेकिन तीसरी लहर के आने की आशंका उतनी ही प्रबलता के साथ जाहिर की जा रही है. यही वजह है की प्रशासनिक अमला अभी से सारे बंदोबस्त दुरुस्त कर लेना चाहता है.
जोरदार वैक्सीनेशन से उम्मीद
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह लगातार व्यवस्था देख रहे हैं. पीसी सेठी और हुकुमचंद अस्पताल में बिस्तर आरक्षित रहेंगे. बच्चों और गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखते हुए अस्पताल वार्ड और बिस्तर तैयार किये जाएंगे. इंदौर में टीकाकरण बेहद असरकारक ढंग से हुआ है, उम्मीद है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन और टीकारण शत प्रतिशत होगा तो शायद शहर के हालत नियंत्रण में रहेंगे.
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