
इंदौर। इंदौर (Indore) से जबलपुर (Jabalpur) के बीच घोषित हुई नई रेल परियोजना (rail project) अब सिर्फ इंदौर से बुधनी (Budhni) तक ही सीमित कर दी गई है। इसकी जानकारी खुद रेल मंत्री (Railway Minister) अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने कल लोकसभा में दी। मंत्री ने कहा कि गाडरवाड़ा और बुधनी के बीच 137 किलोमीटर की रेल लाइन पर काम बढ़ाया जाना तर्कसंगत नहीं है। इसलिए अब इस परियोजना को इंदौर से बुधनी तक ही सीमित रखा जाएगा।
जबलपुर-इंदौर (व्हाया गाडरवारा एवं बुधनी) 342 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना की वर्तमान स्थिति और प्रगति के बारे में लोकसभा में नर्मदापुरम के सांसद दर्शनसिंह चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इंदौर के मांगलिया से बुधनी के बीच 205 किलोमीटर की नई रेल लाइन का काम 3261.82 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत किया गया है। इस पर मार्च 2024 तक 948.37 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं और वर्ष 2024-25 के लिए इस परियोजना के लिए 1107.25 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। उन्होंने आगे कहा कि गाडरवाड़ा और बुधनी के बीच 137 किमी काम आगे बढ़ाया जाना तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि गाडरवाड़ा से बुधनी दोनों पहले से ही मौजूदा नेटवर्क के माध्यम से इटारसी से जुड़े हुए हैं और दोनों स्थानों के बीच दूरी में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं आती है। इसलिए अब सिर्फ केवल इंदौर और बुधनी के बीच नई रेल लाइन परियोजना पर कार्य ही प्रगति पर है। रेलवे विशेषज्ञ नागेश नामजोशी ने बताया कि बुधनी पहले से भोपाल-नागपुर मुख्य लाइन पर मौजूद है। यहां से इटारसी होकर जबलपुर के लिए लाइन है। इसलिए इंदौर से बुधनी के बीच ही रेल लाइन डालने से आसानी से इंदौर से जबलपुर का संपर्क मजबूत हो जाएगा। इसकी योजना पहले ही तैयार हो चुकी थी। कल मंत्री द्वारा लोकसभा में जानकारी दिए जाने के बाद इस पर मुहर भी लग गई है।