प्रशासन ने बात नहीं मानी तो पुजारी करेंगे आंदोलन
इंदौर। बड़ा गणपति (Bada Ganpati) से कृष्णपुरा छत्री ( Krishnapura Chhatri) तक स्मार्ट सिटी (Smart City) के तहत एमजी रोड (MG Road) के अतिक्रमण (Encroachment) हटाए जा रहे हैं। इसकी जद में 28 मंदिर भी आ रहे हैं, जिसे लेकर देवस्थान बचाओ समिति (Devasthan Bachao Samiti) का गठन किया गया है। कल समिति की बैठक हुई, जिसमें कहा गया कि मात्र 6 इंच जमीन के लिए मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, जबकि कई जगह दूसरे धर्मस्थलों को हाथ तक नहीं लगाया गया है।
देवस्थान बचाओ समिति (Devasthan Bachao Samiti) की बैठक में स्वामी रंगाचार्य, विजय आचार्य, एमआर वेणुगोपाल, संतोष साबू, सुदर्शनाचार्य, संतोष कुलकर्णी, गोविंद दास, आशीष अग्रवाल, सुमित सोनी, संपत साबू व प्रभात सोनी मौजूद थे। समिति का यह भी कहना है कि मंदिरों को हटाने या सडक़ में आ रहे उनके हिस्सों को तोडऩे के लिए प्रशासन के अधिकारी मंदिरों (Temples) के ट्रस्टियों के घर जाकर उन्हें धमका रहे हैं। इसे बंद किया जाएगा। समिति के प्रिंसपाल टोंग्या (Princepal Tongya) ने बताया कि रामानुज कोट मंदिर का 6 इंच का ओटला सडक़ की जद में आ रहा है, लेकिन यहां से 6 इंच तोड़ा गया तो ढाई सौ साल पुराना मंदिर हिल जाएगा और उसका आगे का पूरा हिस्सा तोडऩा पड़ेगा। यही स्थिति इस सडक़ पर आने वाले कुछ और मंदिरों (Temples) की भी है। उनका कहना है कि हम सडक़ चौड़ी करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पूरे शहर में समान नीति और समान व्यवहार किया जाना चाहिए, लेकिन कई सडक़ों पर अनेक धर्मस्थलों को छोड़ दिया गया है। अगर उन्हें हटाया जाता है तो हम सहर्ष हमारे मंदिर (Temple) भी हटाने को तैयार हैं। इसको लेकर एक हस्ताक्षर अभियान (Signature Campaign) भी चलाया जा रहा है। इसके बाद भी प्रशासन ने हमारी नहीं सुनी तो आंदोलन किया जाएगा।
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