– कभी शहर की सडक़ों पर जगह-जगह बहता था सीवरेज का गंदा पानी
– सीवरेज के पानी को ट्रीट करने के लिए 300 करोड़ के दस एसटीपी बनाए
– अब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी सप्लाय के लिए सौ किमी में लाइन बिछाई
– ट्रीट पानी के लिए अलग अलग दरें हुईं लागू
इंदौर, सुनील नावरे।
पूरे देश में स्वच्छता (Sanitation) में झंडे गाडऩे के बाद अब इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां सीवरेज (Sewerage) का ट्रीट (Treat) किया हुआ पानी (Water) किसानों (Farmers) से लेकर उद्योगपतियों को बेचा जाएगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। अब तक नागपुर (Nagpur) और सूरत (Surat) में ऐसी व्यवस्था है, लेकिन वहां किसानों को पानी नहीं देते हुए फैक्ट्रियों (Factories) में ऐसा पानी सप्लाय (Water Supply) किया जाता रहा है। बीते कुछ सालों में निगम ने 300 करोड़ के 11 एसटीपी बना डाले हैं और 12वें का काम सिरपुर तालाब पर चल रहा है।
सबसे पहले एसटीपी (STP) (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का काम कबीटखेड़ी (Kabitkhedi) में शुरू हुआ था और उसके बाद फिर शहर के अलग-अलग इलाकों में तेजी से एसटीपी बनाने के काम शुरू हुए थे। 11 एसटीपी सीपी शेखर नगर, दयानंद नगर, सांवेर रोड, आजाद नगर, पलासिया सहित कई अन्य स्थानों पर बनाए गए हैं। शहरभर में इसके लिए केंद्र सरकार के अलग-अलग प्रोजेक्टों से भी नगर निगम को खासी मदद मिली, जिसके चलते यह काम तेजी से हो पाया। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर अधिकारियों ने कई और स्थान आने वाले दिनों मेंं नए एसटीपी बनाने के लिए ढूंढने शुरू कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर 12वें एसटीपी का काम सिरपुर तालाब क्षेत्र में तेजी से चल रहा है, जिसके नवंबर-दिसम्बर तक पूरा होने की उम्मीद है।
एसटीपी का पानी लेने के लिए कई टाउनशिप के आवेदन
अफसरों के मुताबिक एसटीपी का पानी लेने के लिए शालीमार टाउनशिप सहित देवास नाका और लसूडिय़ा क्षेत्र की कई टाउनशिपों के अलावा राऊ क्षेत्र की टाउनशिपों ने भी एसटीपी का पानी लेने के लिए आवेदन किए हैं और उसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी है।
टैंकरों से मुफ्त ले जा सकते हैं पानी
अफसरों के मुताबिक मेघदूत उपवन सहित अन्य स्थानों पर बनाए गए हाइड्रेंट से कोई भी व्यक्ति टैंकरों में पानी भरकर नि:शुल्क ले जा सकता है। इसकी जानकारी तमाम लोगों को दी जा रही है, ताकि वे इसका लाभ ले सकें। कई सर्विस सेंटरों को भी इसके लिए निगम ने अपनी ओर से जानकारी भेजी है।
ट्रीटेड पानी लेना है तो यह शुल्क देना होगा
अधिकारियों के मुताबिक एसटीपी से ट्रीट किए गए पानी को बेचने के लिए नगर निगम ने अब दरें भी तय कर दी हैं। इसको लेकर एक कमेटी गठित की गई थी और उसकी अनुशंसा के बाद निगम ने यह प्रक्रिया लागू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक ट्रीटेड पानी की लाइन से आधा इंची का कनेक्शन लेने पर 3 हजार की राशि जमा करना होगी। वहीं 375 रुपए प्रतिमाह का भुगतान करना होगा। एक इंची कनेक्शन लेने पर संबंधित व्यक्ति को 8 हजार रुपए कनेक्शन और अन्य प्रक्रियाओं के लिए भुगतान करना होगा। इसके लिए 1200 रुपए प्रतिमाह का शुल्क निगम को चुकाना होगा। इसी प्रकार दो इंची के कनेक्शन पर 20 हजार का शुल्क लगेगा और इसका प्रतिमाह बिल 4200 रुपए आएगा। चार इंची कनेक्शन लेने पर 61 हजार रुपए का शुल्क विभिन्न प्रक्रियाओं के साथ-साथ देने के अलावा 16 हजार रुपए प्रतिमाह का शुल्क देना पड़ेगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निगम ने इसके लिए अलग दरें निर्धारित की हैं। अफसरों के मुताबिक दो हेक्टेयर जमीन तक के लिए तीन हजार रुपए प्रतिवर्ष का भुगतान किसानों को करना होगा। बदले में निगम वहां तक ट्रीट पानी की लाइनें बिछाएगा, वहीं 2 से 5 हेक्टेयर जमीन के लिए सालाना दस हजार रुपए का शुल्क देना होगा।
360 एमएलडी गंदा पानी रोज हो रहा है साफ
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक शहरभर में संचालित 11 एसटीपी से रोज 360 एमएलडी गंदा पानी साफ हो रहा है और यह पानी फिलहाल विभिन्न क्षेत्रों में बगीचों और एसटीपी के लिए बनाए गए हाइड्रेंट के लिए सप्लाय किया जा रहा है। नगर निगम ने मेघदूत गार्डन के समीप और कुछ अन्य स्थानों पर इसके लिए हाइड्रेंट बनाए हैं, जहां से रहवासी नि:शुल्क पानी ले रहे हैं। कई बार टैंकरों के माध्यम से भी ऐसा पानी उद्यानों और अन्य कार्यों के लिए भेजा जा रहा है।
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