सर्वर बंद… एडवांस टैक्स भरने गए लोग भी परेशान…
इंदौर। नगर निगम (municipal corporation) के पोर्टल (Portal) की गड़बडिय़ों ने पिछले दो साल से राजस्व विभाग (Department of Revenue) का ढर्रा बिगाड़ दिया है। हालत यह है कि कल जब कई लोग झोनलों पर एडवांस टैक्स (Advance Tax) जमा करने पहुंचे तो पता चला कि उनके खातों में हजारों की राशि बकाया है। इस पर काफी देर तक अफसरों से उनका विवाद चलता रहा। ऐसी ही शिकायतों के चलते निगम ने अब एडवांस टैक्स जमा करने की तारीख बढ़ा दी है।
नगर निगम के कई झोनलों पर कल एडवांस टैक्स जमा करने के लिए करदाता पहुंचे तो पहले ही तमाम कागजातों और पोर्टल की गड़बडिय़ों का सामना करना पड़ा। पोर्टल नहीं चलने के चलते लोगों से पुरानी रसीदें मंगवाई गईं और कर्ई रसीदें लाने के बाद जब खाते देखे गए तो उनमें हजारों की राशि बकाया बताई जा रही थी। इनमें पलसीकर, माणिकबाग, सिंधी कॉलोनी, जयरामपुर, पलासिया क्षेत्र के रहवासियों ने इसकी शिकायत की। वहीं दूसरी ओर कृषि विहार झोन, विजय नगर झोन, साकेत नगर झोन और कई अन्य झोनलों पर भी इस प्रकार की शिकायतें आती रहीं। कुछ झोनलों पर तो राजस्व विभाग के अफसरों से एडवांस टैक्स जमा करने पहुंचे लोगों की बहस भी हुई। कई करदाताओं का कहना था कि उन्होंने एडवांस टैक्स जमा किया है और उसके बाद भी वर्षों से राशि खातों में बकाया बताई जा रही है। दिनभर कई जगह इस प्रकार के विवाद चलते रहे, जिसके चलते निगम के आला अधिकारियों ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा से चर्चा के बाद 31 जुलाई तक एडवांस टैक्स जमा करने की समयसीमा बढ़ा दी। अधिकारियों के मुताबिक 31 जुलाई तक संपत्ति कर में 6.25 प्रतिशत और जलकर में 6 प्रतिशत की अग्रिम छूट का लाभ मिलेगा। निगम करादताओं के लिए हर साल ड्रॉ भी निकालता है, जिसमें कार से लेकर कई महंगे उपहार रहते हैं।
क्या मसला है…
दरअसल नगर निगम का सर्वर डाउन होनेे के बाद उसका पूरा डेटा उड़ गया, जिसके कारण पिछले तीन साल का रिकॉर्ड निगम के पास नहीं है और करों की वसूली के लिए निगम तीन साल की राशि नए बिल में जोड़ रहा है। निगम का कहना है कि अपनी रसीदें लाकर जमा तीन साल की राशि का मिलान करा लें, लेकिन कई लोगों के पास पुरानी रसीदें ही मौजूद नहीं हैं।
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