7 माह में 3665 गर्भपात… जिनमें से 2576 निजी अस्पतालों में
इंदौर, प्रियंका देशपांडे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर में संचालित हो रहे 400 सोनोग्राफी सेंटरों पर कड़ाई से निगरानी रखी तो चौंकाने वाले मामले सामने आए। इस वर्ष के केवल सात माह में ही शहर में 3665 युवती और महिलाओं के गर्भपात हुए हैं, जिनमें से 2576 गर्भपात निजी अस्पतालों में हुए। चौंकाने वाली बात यह है कि गर्भपात कराने वालों में 21 साल तक की युवतियों की संख्या सर्वाधिक है। वहीं 405 ऐसी नाबालिग भी शामिल रहीं, जिन्होंने गर्भपात कराया। और तो और गर्भ गिराने वालों में 74 कुंवारी कन्याएं भी शामिल हैं। यह तो आधिकारिक आंकड़ा है, वास्तविक रूप से गर्भपात कराने वालों की संख्या और भी ज्यादा है।
पीसीपीएनडीटी विभाग द्वारा शहरभर के सोनोग्राफी सेंटरों से एकत्रित किए गए आंकड़ों के अनुसार जुलाई तक 3665 महिलाओं और युवतियों द्वारा कराए गए गर्भपात में 2576 निजी अस्पतालों में हुए, जबकि सरकारी अस्पतालों में मात्र 762 गर्भपात कराए गए। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से इन सभी मामलों की जांच-पड़ताल की जा रही है। विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हर घर जाकर पूछताछ कर रही हैं, ताकि कारणों का खुलासा हो सके।
25 से 29 साल की महिलाओं के गर्भपात ज्यादा
विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों में 20 से 24 साल उम्र तक में 763 गर्भपात के मामले सामने आए हैं, जबकि 25 से 29 साल तक की गर्भवती महिलाओं के 1281 मामले हैं। वहीं 30 से 34 साल तक की महिलाओं में 962 गर्भपात हुए। कम उम्र की लड़कियों में 15 से 19 साल की 80 लड़कियों के गर्भपात हुए हैं, जबकि 74 अविवाहित युवतियों ने भी गर्भपात कराया है।
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