अग्निबाण की खबर एक बार फिर सटीक साबित… केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन में भी एलिवेटेड और अंडरग्राउंड रूट के साथ स्टेशन भी तय, एमडी मेट्रो आज भी करेंगे दौरा
इंदौर, राजेश ज्वेल
मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) को लेकर तमाम बड़े समाचार-पत्रों (newspapers) द्वारा भ्रामक खबरों (Misleading news) का प्रकाशन किया जाता रहा है, तो दूसरी तरफ अग्रिबाण (Agniban) की ही खबरें सटीक और सही साबित होती रही है। इंदौर मेट्रो (Indore Metro) के अंडरग्राउंड (underground) रुट को लेकर भी अग्रिबाण ने ही यह खुलासा किया कि फिलहाल किसी भी स्तर पर रुट परिवर्तन की मंजूरी नहीं मिली है। यानी खजराना या बंगाली चौराहा से मेट्रो को अंडरग्राउंड करने का जो हल्ला मचाया जा रहा है उसमें कतई सच्चाई नहीं है और यह बात केन्द्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन से भी स्पष्ट हो जाती है, जिसमें इंदौर-भोपाल मेट्रो के तय रुट के साथ-साथ स्टेशनों का भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है, जिसमें इंदौर मेट्रो का जो मूल प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था उसका ही नोटिफिकेशन किया गया है, जिसमें एमजी रोड और हाईकोर्ट से ही मेट्रो को अंडरग्राउंड होकर एयरपोर्ट तक जाना है। दूसरी तरफ मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य आज भी इंदौर में हैं।
एमडी श्री चैतन्य ने कल इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर की प्रगति की जानकारी भी ली और समीक्षा भी की और अब वे हर हफ्ते इंदौर आकर चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन करेंगे और आज भी वे इंदौर में ही हैं और एलिवेटेड के साथ-साथ अंडरग्राउंड रुट की भी समीक्षा करेंगे। दूसरी तरफ अभी यह हल्ला मचाया गया कि इंदौर मेट्रो का अंडरग्राउंड रुट बंगाली चौराहा से तय कर दिया है, जिसके चलते पलासिया और एमजी रोड पर न तो तोडफ़ोड़ होगी और ना ही एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। जबकि हकीकत यह है कि ना तो अभी राज्य सरकार और उसके बाद केन्द्र सरकार और फिर एशियन विकास बैंक, जिसने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए लोन दिया है उसने रुट परिवर्तन की कोई मंजूरी नहीं दी है, क्योंकि सबसे बड़ा मसला 1600 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई लागत का भी है, उसे कौन भुगतेगा..? अभी 22 अगस्त 2024 का महत्वपूर्ण गजट नोटिफिकेशन भी जानकारी में आया, जो कि भारत सरकार ने इंदौर-भोपाल मेट्रो के लिए किया है। इसमें इंदौर मेट्रो रेल परियोजना की यलो लाइन और रिंग लाइन के साथ गांधी नगर डिपो का भी स्पष्ट उल्लेख है और जो मूल प्रोजेक्ट साढ़े 32 किलोमीटर का है, उसे ही इस गजट नोटिफिकेशन का प्रकाशित किया गया है, जिसमें गांधी नगर डिपो से लेकर सुपर कॉरिडोर, भौंरासला चौराहा, एमआर-10, चंद्रगुप्त चौराहा, बापट चौराहा, विजय नगर, रेडिसन चौराहा, वहां से रोबोट चौराहा से लेकर खजराना, बंगाली, पलासिया और फिर एमजी रोड पर हाईकोर्ट तक के हिस्से को एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में ही दर्शाया गया है और उसके बाद हाईकोर्ट से लेकर राजवाड़ा, छोटा-बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर, बीएसएफ से होते हुए एयरपोर्ट तक का 8.7 किलोमीटर तक का हिस्सा अंडरग्राउंड बताया गया है, जिसमें 10 स्टेशन बनेंगे और 22.62 किलोमीटर का जो एलिवेटेड कॉरिडोर है उस पर 18 स्टेशन निर्मित किए जा रहे हैं, उसका भी स्पष्ट खुलासा इस गजट नोटिफिकेशन में केन्द्र सरकार ने कर दिया है। इसका मतलब यह है कि फिलहाल इंदौर मेट्रो के मूल प्रोजेक्ट में रत्तीभर भी बदलाव नहीं हुआ है और एमजी रोड के हाईकोर्ट परिसर से ही अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए काम शुरू होना है। हालांकि अभी जो टेंडर बुलाए थे उसे आगे बढ़ा दिए, ताकि राज्य शासन द्वारा अधिकृतरूप से इस पर निर्णय लिया जा सके। दूसरी तरफ एलिवेटेड कॉरिडोर का काम रोबोट से खजराना चौराहा तक शुरू भी हो चुका है और इसका ठेका एमजी रोड तक का दिया हुआ है। यानी अगर भविष्य में अंडरग्राउंड रुट में परिवर्तन होता भी है तो इस टेंडर को भी निरस्त करते हुए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया करना पड़ेगी और जिस ठेकेदार कम्पनी ने रोबोट चौराहा से एमजी रोड तक का ठेका लिया है वह कोर्ट-कचहरी के साथ अपने क्लेम भी मांगेगी। दूसरी तरफ इंदौर आए एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने भी मीडिया से चर्चा में स्पष्ट कहा है कि फिलहाल अंडरग्राउंड रुट को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है और यह उच्च स्तर पर ही लिया जाना वाला निर्णय है।
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