इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के निर्देशों के अनुपालन में इंदौर जिले (Indore District) को कोरोना मुक्त बनाने के लिए वैक्सीन के शत-प्रतिशत दूसरा डोज (100% second dose of vaccine) लगाने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर की जा रही है। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में जिला प्रशासन ने संकल्प लिया है कि 30 नवंबर तक जिले के सभी पात्र नागरिकों को कोविड वैक्सीन की शत-प्रतिशत सेकेंड डोज लगवाए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन द्वारा हर वर्ग से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन की इस मुहिम में सहभागिता निभाएं। अब कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि अस्पतालों में मरीजों के परिजनों को भी दूसरे डोज के सर्टिफिकेट के बिना प्रवेश नहीं दिया जाए।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बुधवार को डीएवीवी ऑडिटोरियम में जिले के सभी शासकीय अस्पताल के अधीक्षक, निजी अस्पतालों के संचालक एवं प्रतिनिधि, सभी कमर्शियल एवं सहकारिता बैंकों के प्रतिनिधि, सहकारी रहवासी समितियों के सदस्य, फूड इंस्पेक्टर एवं उचित मूल्य दुकानों के संचालकों की बैठक ली। इस दौरान राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे, डॉ. अनिल भंडारी, अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर सहित संबंधित अधिकारी तथा आमंत्रित सदस्यगण उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने कहा कि इंदौर को शत-प्रतिशत वैक्सीनेट करने के लिए विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ चर्चा की जा रही है। जिन लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है उनका वैक्सीनेशन कराने के लिए बीएलओ एवं एनजीओ द्वारा शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर रेगुलर सर्वे कराया जा रहा है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पंचायत सचिव द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए चिकित्सकों की एक बहुत महती भूमिका रहेगी।
उन्होंने कहा कि मरीजों को बिना किसी तकलीफ या परेशानी के पहुंचाएं। उनके साथ आ रहे रिश्तेदारों को वैक्सीनेशन कराने के लिए रोको टोको अभियान चलाया जाए। इसके बाद भी यदि लोग वैक्सीनेशन नहीं कराते हैं तो उनको अस्पतालों में प्रवेश न दिया जाए। कलेक्टर ने इस दौरान विभिन्न अस्पतालों के प्रतिनिधियों से चर्चा भी की और उनके सुझाव भी लिए। उन्होंने मेदांता हॉस्पिटल में मरीजों से लिए जा रहे अतिरिक्त शुल्क की शिकायत पर जांच जल्द संपन्न कराने के आदेश दिए तथा उक्त अवधि तक अस्पताल के मेडिकल शॉप को बंद करने के भी आदेश दिए।
कलेक्टर ने सभी अस्पताल के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अस्पताल परिसर में फायर सेफ्टी के एसओपी का पूर्ण ध्यान रखें। इसी तरह अस्पताल में स्टेट ऑफ आर्ट एमसीबी का प्रयोग किया जाए एवं लाइट में किसी तरह का शॉर्ट सर्किट ना हो इसके लिए भी नियमित जांच कराई जाए।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बैंकों के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि 1 दिसंबर के बाद बैंक में किसी भी ग्राहक को कोविड-19 के सेकेंड डोज सर्टिफिकेट के बिना प्रवेश नहीं दिया जाए। बैंक प्रतिनिधियों से प्राप्त हुए सुझाव पर कलेक्टर ने सहमति जताते हुए कहा कि जो व्यक्ति वैक्सीन के दोनों डोज लगा चुके हैं उनको बेहतर सुविधाएं प्रदान करते हुए ग्रीन चैनल बनाकर प्राथमिकता दी जाए। इसी तरह बैठक में रहवासी समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि सोसायटी में रहने वाले व्यक्ति जो 30 नवंबर से पहले वैक्सीनेशन करा लेंगे उनको सोसायटी द्वारा मेंटेनेंस में विभिन्न प्रकार की छूट प्रदान की जाएंगी। डॉ. निशांत खरे ने बैंक प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि जन धन अकाउंट के धारकों की सूची तैयार की जाए। उक्त खाते खुलवाने वाले व्यक्ति जो गरीब वर्ग के हैं हाई रिस्क ग्रुप कैटेगरी में आते हैं। इनको वैक्सीन लगाने हेतु प्रेरित करने के लिए नियमित कॉल एवं मैसेज किए जाएं।
कलेक्टर ने कहा कि निजी कंपनियों में काम कर रहे हैं कर्मचारी जो वैक्सीनेशन का दूसरा डोस लगाने के लिए आधे दिन की छुट्टी लेते हैं उनके वेतन नहीं काटी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी वैक्सीनेशन की मुहिम को युद्ध स्तर पर चलाया जाए।
वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाने के बाद दिया जाए राशन
कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी उचित मूल्य दुकानों के संचालकों को निर्देश दिए कि दुकानों पर राशन लेने आने वाले व्यक्तियों का वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात ही उन्हें राशन दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि लोक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हम हर संभव तरीके से जिले वासियों को वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रेरित करें।
इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए उचित मूल्य दुकानों के संचालकों ने बताया कि जब से उन्होंने राशन देते वक्त प्रमाण पत्र की मांग रखी है तब से लोगों में वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लगवाने के लिए ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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