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    इंदौर : नया प्लाट, जमीन या घर खरीदें तो जांचें, अब खसरों में दर्ज होगा… यह अवैध कालोनी है

  • October 14, 2024

    जांच के बाद 90 दस्तावेजों में किया उल्लेख, आगे की कार्रवाई जारी

    इंदौर। नया प्लाट (new plot), जमीन (land), घर (house) का सपना देखने वाले मध्यमवर्गीय परिवारों (middle class families) को धोखाधड़ी से बचाने के लिए अब खसरों में अवैध कालोनियों (Illegal colonies) की जानकारी दर्ज की जा रही है। जिला प्रशासन ने पहल करते हुए 90 कालोनियों के दस्तावेजों में उल्लेख कर दिया है कि यह कालोनी अवैध है या इस कालोनी पर अवैध कालोनी का प्रकरण दर्ज किया गया है, जांच जारी है।



    शहर में तेजी से विकास के साथ-साथ कट रही कालोनियों पर अब जिला प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली सूची के बाद जिला प्रशासन ने 139 कालोनियों में अवैध रूप से प्लाट की खरीदी-बिक्री किए जाने की जांच की थी, जिसमें कई कालोनियां अवैध पाई गईं। अब जिला प्रशासन लोगों को ठगी से बचाने के लिए पहल कर रहा है। प्रशासन ने जागरूकता फैलाने की शुरुआत करते हुए ऐसे दस्तावेजों की जांच करते हुए 90 कालोनियों के खसरों में अवैध कालोनी का ठप्पा लगा दिया है। एडीएम गौरव बैनल से मिली जानकारी के अनुसार तेजी से शहर के विकास के साथ-साथ अवैध कालोनियों की तादाद भी बढ़ती जा रही है, जिस पर लगाम लगाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। बाकी सभी कालोनियों पर प्रकरण लंबित हैं। इनकी सुनवाई के बाद इनके खसरों में भी अवैध कालोनी के प्रकरण निकलते हैं तो मार्किंग की जाएगी।

    प्रशासन की यह उठापटक आम आदमी के काम की नहीं
    प्रशासन द्वारा राजस्व अभिलेख के दस्तावेजों में अवैध कालोनी के खसरों को चिह्नित किए जाने का फायदा आम आदमी को नहीं मिल सकेगा और उसका कारण यह है कि अवैध कालोनी के भूखंड खरीदने वाला कोई भी व्यक्ति राजस्व अभिलेखों के दस्तावेजों की जांच नहीं करता। भूखंड राजस्व अभिलेखों की सीमा से पृथक होकर यह मान लिए जाते हैं कि इन्हें समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति के बाद कृषि भूमि से आवासीय भूमि में परिवर्तित कराया जा चुका है और इसी भरोसे पर भूखंडों की खरीदी-बिक्री अब तक होती रही है। अब जब वहां पर कालोनियां विकसित हो गईं, तब प्रशासन का यह कदम आम लोगों के लिए और भी ज्यादा मुसीबतभरा है, क्योंकि इन भूखंडों पर न तो कोई लोन देता है और न ही इनकी खरीदी-बिक्री होती है।

    रजिस्ट्रार की मुसीबत… भूखंड की रजिस्ट्री में कृषि भूमि के खसरे कैसे जांचें
    रजिस्ट्रार के नए नई मुसीबत हो गई है कि भूखंड की रजिस्ट्री करने आने वाले लोगों के खसरों की जांच करने का कोई प्रावधान नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा यदि खसरों को अवैध कालोनी पर चढ़ा भी दिया गया तो रजिस्ट्रार को पता नहीं चल सकेगा और बाद में तोहमत यह लगाई जाएगी कि रजिस्ट्रार ने बिना पड़ताल किए भूखंड की रजिस्ट्री करा डाली। हालांकि वरिष्ठ जिला पंजीयक द्वारा जारी जानकारी के अनुसार 130 कालोनियों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनकी सूची पंजीयकों को देकर रजिस्ट्रियां रोकी जा रही हैं, जिसमें सबसे अधिक बिचौली हप्सी, जूनी इंदौर, सांवेर रोड, देपालपुर में सामने आई हैं। इनमें शहरी क्षेत्र भी शामिल है, जिसकी सूची भी जिला प्रशासन तैयार कर रहा है। वहीं जिनके नाम सामने आए हैं, उन पर एसडीएम व कालोनी सेल के माध्यम से सुनवाई की जा रही है। दस्तावेजों की पूर्ति न होने की सूरत में जल्द ही प्रशासन कई कालोनियों पर एफआईआर भी दर्ज करने की तैयारी में हैं।

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