अब पुलिस की मदद से पहुंची आश्रम… परिवार में तीन बेटे-बहुएं, पर रखने को तैयार नहीं
इंदौर।
सदर बाजार थाना (Sadar Bazar Police Station) इलाके के एक बगीचे में हर दिन आसरा लेने वाली बुजुर्ग महिला (Women) को पुलिस (Police) की सहायता से आश्रम (Ashram) लाया गया। बुजुर्ग (Elderly) को उनका परिवार रखने को तैयार नहीं है। अब रक्त मित्र इंडिया फाउंडेशन (Rakt Mitra India Foundation) के युवा उक्त बुजुर्ग महिला (Elderly Woman) के बेटों से मिलकर उनसे बात करेंगे।
इमली बाजार इलाके में रहने वाली राधाबाई (70) अपने परिवार से अलग रहकर फल बेचकर गुजारा करती थीं। जब बीमार रहने लगीं तो बेटों के पास पहुंची, लेकिन बेटे और बहुओं ने रखने से इनकार कर दिया। उसके बाद बुजुर्ग सदर बाजार थाना इलाके के एक बगीचे में हर दिन आसरा लेकर रहने लगीं। आसपास रहने वाले जो दे देते वह खाकर गुजारा कर रही थीं। फोन से सूचना मिलने पर रक्त मित्र इंडिया फाउंडेशन के युवा सदर बाजार पुलिस (Sadar Bazar Police) के साथ मौके पर पहुंचे और उन्हें निराश्रित सेवा आश्रम लेकर गए, जहां फिलहाल बुजुर्ग को आसरा दिया गया है।
आज बेटों से मिलेंगे
संस्था के यश पाराशर ने बताया कि काउंसलिंग (Counseling) के दौरान बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें बहुओं ने घर से निकाल दिया है और काफी समय से घर से बाहर ही रह रही हैं। आज रक्त मित्र इंडिया फाउंडेशन (Rakt Mitra India Foundation) से जुड़े युवा बुजुर्ग के बताए पते पर पहुंचकर उनके बेटों से बात कर पूरी जानकारी लेंगे और पूरी कोशिश की जाएगी कि बेटे अपनी मां को साथ ले जाएं।
50 दिनों में 4 को मिलाया अपने परिवार से
जनवरी और फरवरी के इन 50 दिनों में रक्त मित्र इंडिया फाउंडेशन (Rakt Mitra India Foundation) के निराश्रित सेवा आश्रम में इस तरह 9 बुजुर्ग आ चुके हैं, जो या तो घर से परेशान थे अथवा भटक गए थे। टीम के युवाओं ने इनके परिवार से संपर्क के बाद काउंसलिंग कर 4 बुजुर्गों को उनके परिवार के पास वापस भेजा। 5 बुजुर्ग अब आश्रम परिवार का ही हिस्सा हैं। इनमें बिहार (Bihar) क्षेत्र से भटकी मूक-बधिर महिला (Deaf and Deaf women) भी शामिल हैं, जिनके लिए आश्रम के बुजुर्ग अब साइन लैंग्वेज भी सीख रहे हैं।
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