इंदौर। अभी केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 15 राष्ट्रीय राजमार्ग सडक़ परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमें लगभग 500 किलोमीटर लम्बाई की सडक़ें 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित की जा रही है। अभी इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेज गति से चल रहा है। 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अगले साल यह एक्सप्रेस-वे पूर्ण हो जाएगा, जिसमें 15 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च हो रही है और 157 किलोमीटर दूरी भी घट जाएगी। फोर लेन के इस प्रोजेक्ट में 768 किलोमीटर लम्बाई के एक्सप्रेस-वे से बुरहानपुर, जलगांव और नांदेड़ भी इंदौर से जुड़ जाएंगे और आवागमन आसान रहेगा। इंदौर से कोटा 3 घंटे में, तो ओंकारेश्वर की दूरी मात्र 1 घंटे में पूरी अन्य प्रोजेक्टों के चलते हो जाएगी। प्रदेश के सभी जिले भी नेशनल हाईवे से जोड़े जा रहे हैं।
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अभी ग्रेटर रिंग रोड के निर्माण की तैयारी भी चल रही है, जिसके लिए केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करवा दी है। वहीं इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी तेज गति से चल रहा है, जिस पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे बुरहानपुर, जलगांव, नांदेड़ के अलावा इंदौर की कई शहरों से सीधी कनेक्टीविटी हो जाएगी और अभी एक दर्जन से अधिक अन्य रोड प्रोजेक्ट केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने मंजूर किए हैं, जिसकी सौगात अभी श्री गडकरी ने मुख्यमंत्री के साथ दी है। ये रोड प्रोजेक्ट उद्योग के अलावा कृषि क्षेत्र को भी मदद करेंगे और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इंदौर से कोटा की दूरी भी तीन घंटे तक सीमट जाएगी और ओंकारेश्वर तो 60 मिनट में ही पहुंचा जा सकेगा। प्रदेश के अभी 27 सडक़ निर्माण के प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिन्हें जल्द ही केन्द्र से मंजूरी मिलने की संभावना है।
इसके अलावा दो दर्जन से अधिक रोप-वे के अलावा केबल कार प्रोजेक्टों पर भी अमल किया जा रहा है। पिछले दिनों ही इंदौर विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में केबल कार के रुट तय करने और उसके फिजिबिलिटी तय करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने का निर्णय लिया। केन्द्र द्वारा जो नए रिंग रोड बनाए जा रहे हैं, वहां पर परिवहन मंत्रालय द्वारा क्लस्टर डवलपमेंट का काम भी किया जा रहा है। इसके साथ ही दिल्ली-मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस-वे का काम भी तेज गति से चल रहा है, उससे भी इंदौर को फायदा मिलेगा और कनेक्टीविटी आसान हो जाएगी। इस साल के अंत तक ही प्रदेश में 3 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे और सभी हाईवे पर लॉजिस्टिक इंडस्ट्रीज हब भी तैयार किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार पूरा सहयोग करेगी और उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी को इस बात के लिए आश्वस्त भी किया। इतना ही नहीं, अटल एक्सप्रेस को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने भी अलाइनमेंट को लेकर चर्चा की थी और पर्यावरण स्वीकृति के कारण जो अड़चनें आईं उसे अब केन्द्र सरकार के साथ मिलकर जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। इंदौर-भोपाल सहित सभी प्रमुख शहरों की कनेक्टीविटी अगले एक-दो सालों में बढ़ जाएगी।
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