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    इन्दौर : जमीन के लिए रौंदे घर, पहले आंसू बहाए, फिर पथराव पर उतर आए

  • July 26, 2024

    विरोध के चलते प्रशासन को वापस लौटना पड़ा

    इंदौर। सस्ते घर (Affordable homes) … माफियाओं (Mafias) का प्रलोभन और प्रशासन की नींद… तीनों का खामियाजा उठाते न्याय नगर (nyaay nagar) के रहवासी आज सुबह अपने घरों की बलि चढ़ते देख आपा खो बैठे… पहले उन्होंने मिन्नतें की… आंसू बहाए…. फिर विरोध किया… लेकिन तब भी प्रशासन (Administration) नहीं पसीजा तो पथराव पर आमादा हो गए…जेसीबी (JCB) फोड़ी गई… अमले पर हमला किया गया… न्याय नगर में 97 घरों पर बुलडोजर चलाने पहुंचे प्रशासन के लोगों को कार्रवाई के लिए आज जहां भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा, वहीं अपने कर्मचारियों को बचाने के लिए भी बिना बल प्रयोग किए लोगों से जूझना पड़ा… कुछ जगह कार्रवाई हुई, लेकिन हंगामे के चलते रोकना पड़ी….


    न्याय नगर की 7.87 एकड़ जमीन का विवाद कई दिनों से चल रहा था। इस विवाद में कई रहवासियों ने हाईकोर्ट की शरण ली तो प्रशासन भी अपनी जमीन छुड़ाने के लिए न्यायिक लड़ाई लड़ता रहा। इस दौरान जमीन बेचने, खरीदने का दौर चलता रहा, क्योंकि इस अवैध कालोनी में सस्ती जमीन और विवादित मकान की खरीद-फरोख्त होती रही। रहवासियों को उम्मीद थी कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के घर तोड़ने की जुर्रत प्रशासन नहीं करेगा, लेकिन कानूनी लड़ाई जीतते ही प्रशासन घरों को तोड़ने जा पहुंचा तो लोगों के होश फाख्ता हो गए। रोते-कलपते लोगों ने प्रशासन के सामने मिन्नतें की। अपनी मजबूरियां बताई कि घरों पर लोन ले रखा है। पैसा देकर मकान बनाया है। बारिश में हम कहां जाएंगे, लेकिन प्रशासनिक अमला जब नहीं पसीजा तो रहवासी विरोध पर आमादा हो गए। न्याय नगर की इस जमीन पर महिलाओं ने आगे से मोर्चा लिया तो पुरुष पीछे खड़े हो गए। जब महिलाएं कमजोर पड़ीं तो पुरुष भी आगे आए। कुल मिलाकर सुबह 7 बजे से लेकर पौने 11 बजे तक हंगामे का ऐसा दौर चला कि लोग निगम की जेसीबी के आगे लेट गए। गाड़ियां फोड़ दीं, अमले पर पथराव किया। विरोध इतना उग्र हुआ कि प्रशासन को वापस लौटना पड़ा।

    निगम सुपरवाइजर को मारा पत्थर, पुलिस ने जब युवक को पकड़ा तो उसे छुड़ाने के लिए जीप पर झूमी महिलाएं

    कार्रवाई के दौरान नगर निगम के सुुपरवाइजर सन्नी पांडे को एक युवक ने सिर पर पत्थर दे मारा, जिस पर निगम के रिमूवल कर्मचारी उत्तेजित हो गए और उस युवक को पकड़कर उसकी धुुनाई कर दी। बाद मेंं प्रशासनिक अधिकारी युवक को जीप में बैठाकर थाने रवाना करने लगे तो युवक के परिवार की महिलाएं वहां जमा होकर हंगामा करने लगीं और युवक को छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन निगमकर्मियों ने उन्हेंं एक ओर कर गाड़ी रवाना करा दी। कार्रवाई के दौरान काफी देर तक हंगामा चलता रहा।

    पूरी रात रतजगा किया, सुबह होते ही प्रशासन से मोर्चा लिया

    प्रशासन की कार्रवाई की खबर रात को ही मिल गई थी, इसलिए न्याय नगर के रहवासियों ने रातभर रतजगा किया और सुबह 7 बजे जैसे ही निगम अमले और प्रशासन की टीम ने कुछ गलियों में घुसने का प्रयास किया तो गलियों के मुहाने पर बड़ी संख्या में महिला, पुरुषों का हुजूम जमा हो गया और टीम को अंदर ही नहीं जाने दिया जा रहा था, जिस पर पूरे क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों और महिला पुलिस को बुलवाकर बमुश्किल महिलाओं और लोगों को हटाया गया, तब जाकर जेसीबी और पोकलेन अंदर भेजी जा सकीं। इसके बाद वहां जिन क्षेत्रों में कार्रवाई हो रही थी, वहां आसपास बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल तैनात किया गया था।

    कई मकानों को तोड़ने के दौरान लोग जेसीबी, पोकलेन पर चढ़े, हुआ हंगामा
    न्याय नगर की कई गलियों में जैसे-तैसे पोकलेन और जेसीबी ले जाने के बाद मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई तो लोगों का हंगामा लगातार जारी था। कई लोग अपना मकान बचाने के लिए पूरी तरह मशक्कत में जुटे थे तो वहीं कई लोग कार्रवाई के खिलाफ गुस्सा जताते हुए पोकलेन और जेसीबी पर चढ़ गए और निगम के खिलाफ नारे लगाने लगे। बाद में महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें जैसे-तैसे हटाया और कार्रवाई शुरू कराई। लगभग सभी मकानों पर कार्रवाई के दौरान यही स्थिति बनती रही।

    सामान निकालने की मोहलत मांगते रहे लोग
    कई मकानों पर जब निगम और प्रशासन की टीम ने कार्रवाई शुरू की तो लोग सकते में आ गए। वे अधिकारियों के पास जाकर मिन्नतें करते रहे कि उन्हें सामान निकालने की मोहलत दे दी जाए। कई लोग रिमूवल टीम के साथ मिलकर खुद अपने घरों का सामान हटाते रहे। इस दौरान वहां हंगामा लगातार जारी रहा। कई लोग इस बात की जानकारी लेते रहे कि इस क्षेत्र में कौन-कौन से मकान टूटना हैं, ताकि वे भी अपना सामान हटा सकें।

    जिन मकानों पर स्टे वहां एस लिखा था
    प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों ने आज सुबह कार्रवाई के दौरान काफी सतर्कता इसलिए बरती, क्योंकि कई मकानों पर कोर्ट स्टे है। इसी के चलते उन मकानों पर तोड़फोड़ नहीं की गई। जिन मकानों पर कोर्ट स्टे है, वहां प्रशासन और निगम की टीम ने पहले ही बड़े-बड़े अक्षरों में एस लिख दिया था, ताकि वहां कार्रवाई नहीं हो। कई लोग खुद अपने मकानों का सामान निकालकर स्टे वाले मकानों में रख रहे थे।

    महिलाओं के छलके आंसू, भरी बारिश में कहां जाएंगे
    कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं वहां जमा थीं और जब कुछ मकानों को तोड़ने के लिए पोकलेन का पंजा लगाया जा रहा था तो महिलाएं रो पड़ीं और कहने लगीं कि साहब! हम पर दया कर दो, आप मकान तोड़ देंगे तो हम भरी बारिश में कहां जाएंगे। हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन अधिकारियों ने पुलिस बल की मदद से उन्हें एक ओर कर कार्रवाई शुरू करा दी। पूरी कालोनी में जगह-जगह कार्रवाई का विरोध हो रहा था।

    21 साल से चल रहा है जमीन का विवाद
    पूर्वी रिंग रोड पर एमआर-9 और एम-10 के बीच न्याय नगर की 7.87 एकड़ जमीन पर बने कई मकानों का विवाद कई दिनों से चल रहा है। कई लोगों ने जमीनें बेचने का सिलसिला जारी रखा और आज खामियाजा रहवासियों ने भुगता। इस दौरान प्रशासन और नगर निगम के साथ-साथ प्राधिकरण के अधिकारी भी सोए रहे और प्लाटों की खरीदी-बिक्री लाखों में जारी रही। मकानों की नपती के बाद पिछले दिनों प्रशासन ने मकानों पर निशान लगाए थे। इनमें से 97 मकानों पर स्टे है, उन्हें छोड़कर आज कई मकानों पर कार्रवाई के लिए नगर निगम, पुलिस प्रशासन का भारी-भरकम अमला क्षेत्र में पहुंचा। पिछले कुछ दिनों से प्रशासन के अधिकारियों ने न्याय नगर की जमीन को लेकर नपती और निशान लगाने की कार्रवाई शुरू की थी। उक्त कालोनी में जिन मकानों पर स्टे है, उन्हें छोड़कर अन्य मकानों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई थी।

    कार्रवाई के दौरान आई माताजी
    कार्रवाई के दौरान अंधविश्वास की नौटंकी भी चलती रही। एक युवती ने माता आने का स्वांग रचा तो महिलाएं हाथ जोड़कर खड़ी हो गईं।

    पथराव कर निगम की जेसीबी के कांच फोड़े
    कार्रवाई के दौरान निगम की जेसीबी और पोकलेन लोगों के गुस्से का शिकार हो गईं। पोकलेन और जेसीबी पर पथराव कर लोगों ने उनके कांच फोड़ दिए। लोग लगातार कार्रवाई का विरोध करते रहे और हंगामा चलता रहा।

    कोई पोकलेन पर चढ़ा तो कोई जेसीबी के आगे लेटा
    न्याय नगर की 10-12 गलियों में मकानों को तोड़ने की बड़े पैमाने पर कार्रवाई चल रही थी और हर जगह रहवासी और खासकर महिलाएं कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। कुछ गलियों में महिलाएं जीसीबी पर चढ़ गईं और कई जगह कार्रवाई का विरोध करते हुए लोग पोकलेन के आगे लेट गए। लोगों का कहना था कि उन्हें मोहलत दे दी जाए, वे खुद अपना सामान हटा लेंगे।

    लोग कहते रहे नागर और मोहसिन ने हमें डुबो दिया
    क्षेत्र की रहने वाली अंजनाबाई, सावित्रीबाई, सीमा यादव, गीता सौराष्ट्री, प्रीति चौधरी ने बताया कि उन्होंने 12 साल पहले कालोनाइजर नागर और एक अन्य व्यक्ति मोहसिन से 10, 12, 15 लाख रुपए में प्लाट खरीदे थे और इनकी रजिस्ट्री भी हो चुकी थी। उनका कहना है कि वे गरीब हैं और उन्होंने अपने पूरे जीवनभर की कमाई से प्लाट खरीदा था और बैंक लोन लेकर मकान बनाया। अब उसे तोड़ा जा रहा है। हमारा परिवार कहां जाएगा। कई लोग अपने मकानों की रजिस्ट्री और कागजात लेकर प्रशासन के अधिकारियों को बताते रहे।

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