वेंटीलेटर और ऑक्सीजन बेड में अंतर नहीं समझ पा रहे परिजन…
जिस मरीज को इलाज के लिए लाए उसकी हालत नाजुक, इसलिए डॉक्टर बोले-वेंटिलेटर और आईसीयू बेड लगेगा
इंदौर।
इन दिनों अस्पतालों की लापरवाही के किस्से रोज सुनने को मिल रहे है, लेकिन मरीज के परिजनों को भी समझना पड़ेगा कि कौन-सा अस्पताल किस हद तक मरीज की मदद कर सकता है। कल एक मामले में निजी अस्पताल में मरीज के परिजन और अन्य लोगों ने न सिर्फ गार्ड के साथ मारपीट की बल्कि अस्पताल में हंगामा करते हुए तोडफ़ोड़ की।
अस्पताल के डॉक्टरों का कहना था कि इस मरीज की हालात खराब थी, वेंटिलेटर नहीं होने के चलते भर्ती करने से इंकार किया। जूनी इंदौर पुलिस ने बताया कि माणिकबाग ब्रिज के समीप स्थित पल्स अस्पताल में एक संक्रमित मरीज को उसके परिजन इलाज के लिए लेकर गए थे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा कि इनकी हालत नाजुक है। इन्हें किसी ऐसे अस्पताल में लेकर जाओ, जहां आईसीयू और वेंटिलेटर हो। परिजन डॉक्टरों की बात मान भी गए। वे दूसरे अस्पताल में जाने के लिए अस्पताल के बाहर निकले तो गुलजार कॉलोनी का युसूफ रेती उन्हें दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचा और भर्ती कराने की जिद करते हुए हंगामा करने लगा। दोबारा डॉक्टरों ने वहीं बात बताई, जो पहले मरीज के परिजन को बताई थी, लेकिन वे नहीं माने। युसूफ के साथ हंगामा करने लगे। गार्ड के साथ मारपीट करते हुए अस्पताल में तोडफ़ोड़ की। हंगामे के दौरान अस्पताल वालों ने पुलिस को भी बुला लिया था। बाद में युसूफ और अन्य के खिलाफ पुलिस ने केस भी दर्ज किया। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने ही मरीज को एंबुलेंस से दूसरे अस्पताल रैफर करवाया।
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