इंदौर। आज धनतेरस (dhanteras) के साथ पांच दिनी दीप पर्व (Five day festival of lights) की शुभ शुरुआत हो रही है। पूरा इंदौर (Indore) दीपावली मनाने को आतुर है और इस बार खरीददारी ने भी नए रिकॉर्ड (Record) कायम किए हैं। सभी बाजारों में अटाटूट भीड़ उमड़ रही है। आज स्वर्ण आभूषणों, सिक्के के साथ बर्तन खरीदने को शुभ माना जाता है। इंदौर अब आभूषणों का भी सबसे बड़ा गढ़ बन गया है। देश के जाने-माने कॉर्पोरेटर ज्वेलरों के भव्य शोरूम खुल गए हैं। साथ ही 150 साल से अधिक पुराने बर्तन बाजार की रौनक भी देखते बनती है।
पहले सोना सिर्फ सराफा में ही खरीदा और बेचा जाता था। मगर अब शहर के विभिन्न क्षेत्रों में छोटी-बड़ी दुकानें, शोरूम खुल गए हैं, जिसमें एमजी रोड तो ज्वेलरों के भव्य शोरूमों का ही प्रमुख क्षेत्र हो गया है, जहां पर अभी दीपावली की सजावट भी इतनी आकर्षक है कि कई लोग इसे देखने ही निकल रहे हैं। आज धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यही कारण है कि छोटा सराफा, बड़ा सराफा से लेकर एमजी रोड, पाटनीपुरा सहित शहरभर के स्वर्ण आभूषणों की दुकानों, शोरूमों पर सुबह से देर रात तक भीड़ रहेगी। सोने और चांदी के पूजाके लिए सिक्के भी आज खूब खरीदे जाएंगे। इंदौर सराफा का 200 साल से अधिक पुराना इतिहास है और उस वक्त सोने-चांदी का कारोबार अफीम के भुगतान के रूप में भी किया जाता था। छोटे सराफा में अधीकतर खेरची, तो बड़े सराफा में बड़े कारोबारियों की दुकानें थी। वहां भी अब मार्केट बन गए हैं। अब इन दिनों सोने-चांदी के आभूषणों, बर्तन, हीरे, जवाहरात सहित इससे जुड़ी खरीददारी के लिए प्रदेशभर के लोग इंदौर आते हैं और यह एक बड़ा गढ़ स्वर्ण आभूषणों का बन गया है। जितने भी बड़े ब्रांड इस क्षेत्र में हैं उन सभी के विशाल और भव्य शोरूम इंदौर में खुल गए हैं। शहर के पुराने सराफा कारोबारियों ने भी एमजी रोड पर अपने विशाल शोरूम तैयार कर लिए, तो अब तेजी से विकसित होते नए क्षेत्रों में भी अब ये प्रतिष्ठान खुलते जा रहे हैं। आज धनतेरस के साथ पांच दिवसीय दीप पर्व की भी शुरुआत हो गई। पूरा इंदौर दुल्हन की तरह सजा है। घरों से लेकर बाजारों तक खुशियां फैली हैं और आज 150 साल से भी अधिक पुराना इंदौर का बर्तन बाजार भी दमक रहा है और वहां की सजावट भी निराली है। तीन मंजिला तक बर्तनों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। इंदौर का बर्तन बाजार भी प्रदेश में प्रमुख और अव्वल स्थान रखता है। व्यापारियों का कहना है कि पूरे प्रदेश की बिक्री में इंदौर का हिस्सा 40 प्रतिशत से ज्यादा है।
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