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    इंदौर को एक दशक से इंतजार राष्ट्रपति पुरस्कार का

  • July 06, 2024

    • – 15 जुलाई तक पुरस्कार की चाह वाले शिक्षक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
    • – शिक्षकों को अपनी उपलब्धि के फोटो, वीडियो भी अपलोड करने होंगे
    • – अंतिम बार वर्ष 2014 में इंदौर के शिक्षक को मिला था पुरस्कार

    इंदौर। कहने को इंदौर एजुकेशन हब है। देशभर के विद्यार्थी यहां आकर अलग-अलग संस्थानों में शिक्षा लेते है। यहां के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर सफलताएं अर्जित कर इंदौर का नाम रोशन किया, लेकिन जब बात आती है, इनको तराशने वाले शिक्षकों की तो राष्ट्रीय स्तर पर इंदौर का नाम पिछले दशक से चमकने का इंतजार कर रहा है।

    गौरतलब है कि वर्ष 2024- 25 के लिए स्कूली शिक्षा विभाग ने राष्टीय पुरस्कार चाहने वाले शिक्षकों के आवेदन ऑनलाइन मांगे हैं। उक्त पुरस्कार के लिए न्यूनतम 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले शासकीय स्कूल के साथ अशासकीय स्कूल के शिक्षक भी पात्र होंगे। जारी निर्देश में सेवानिवृत्त, संविदा शिक्षक, दागी शिक्षक को दूर रखा गया है।


    कलेक्टर के लॉगिन से भेजे जाएंगें नाम
    जिला स्तरीय समिति प्राप्त आवेदनों की स्कू्रटनी कर 3 शिक्षकों के नाम जिला कलेक्टर के लॉगिन से राज्य स्तरीय समिति को भेजें जाएंगे। पूरी प्रक्रिया इतनी गोपनीय रहती है कि अंतिम समय तक चयनित शिक्षकों के नामों को लेकर विभाग में उत्सुकता बनी रहती है।

    ऐसे होगा चयन
    शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति और राज्य स्तर पर प्रमुख स्कूल सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है, जो भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अपनी अनुशंसा सहित मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेगी। विदित है कि भारत सरकार शिक्षकों को 5 सितंबर को नई दिल्ली में उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित करती है। वर्ष 2014-15 में गुजराती स्कूल की शिक्षिका शामली चटर्जी को यह पुरस्कार मिला था। इसके बाद वर्ष 2017 मे शासकीय शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल की व्याख्याता सुनयना शर्मा को जरूर पूरे प्रदेश के चयनित 6 शिक्षकों को प्रजेंटेशन के लिए बुलाया गया था।

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