इन्दौर। रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने इंदौर-ग्वालियर (Indore-Gwalior) के बीच नई ट्रेन ( new train) चलाने के आग्रह को फिलहाल ठुकरा दिया है। उसका तर्क है कि इस रूट पर नई ट्रेन चलाना फिजिबल नहीं (not feasible) है। इस तर्क पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इंदौर-ग्वालियर के बीच काफी ट्रैफिक है और रोजाना इक्का-दुक्का ट्रेन होने से लोगों को कन्फर्म बर्थ नहीं मिल पाती।
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने पिछले साल रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र सौंपकर मांग की थी कि इंदौर से देवास, मक्सी, शाजापुर, ब्यावरा, गुना और शिवपुरी होते हुए एक डे टाइम इंटरसिटी चलाई जाए, ताकि लोगों को वैकल्पिक ट्रेन मिल सके। यह ट्रेन सुबह जल्दी ग्वालियर से चले और दोपहर तक इंदौर आए और इंदौर स्टेशन पर कुछ समय ठहरकर रात में ग्वालियर पहुंच जाए। वर्तमान में इस रूट पर प्रतिदिन चलने वाली इकलौती ट्रेन रतलाम-ग्वालियर/भिंड एक्सप्रेस है। इस पर यात्रियों का अत्यधिक दबाव रहता है और लोग परेशान होते हैं। इस पत्र के संबंध में आरटीआई के जरिए रेलवे से जवाब मांगा गया, तो रेलवे ने टका सा जवाब देकर बात टाल दी है।
फिर इंदौर-ऊना ट्रेन सफल क्यों?
रेलवे सुबह इंदौर से ऊना हिमाचल प्रदेश के बीच सप्ताह में दो दिन सुपरफास्ट ट्रेन संचालित करता है। इस ट्रेन को दोनों दिशाओं से अच्छा ट्रैफिक मिल रहा है। इसका सीधा मतलब यह है कि दिन में इंदौर-ग्वालियर रूट पर एक अतिरिक्त ट्रेन की बहुत ज्यादा जरूरत है। जब अग्निबाण ने इस बारे में सांसद लालवानी को जानकारी दी, तो वे बोले कि रेल मंत्री से इस बारे में दोबारा आग्रह कर ट्रेन शुरू करने का आग्रह करेंगे।
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