इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर (Indore) ने स्वच्छता के मामले में नाम कमाया है, वहीं सड़क हादसों को लेकर इसकी छवि पर दाग लगता दिख रहा है। दरअसल, वाहनों की गति सीमा अधिक (vehicle speed limit) होने के कारण हो रही दुर्घटनाओं के मामले में इंदौर ने देश में दूसरा स्थान (2nd place) प्राप्त किया है, जबकि चेन्नई (Chennai) हादसों में पहले नंबर पर है। इसके अलावा कुल सड़क हादसों और दुर्घटना में मौत के मामलों में भी इजाफा हुआ है। इसमें भी इंदौर की रैंकिंग (ranking of indore) बढ़ गई है। बीते पांच सालों में सड़क हादसों में सबसे अधिक जानें 2021 में गई हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को रोड एक्सीडेंट इन इंडिया के नाम से वर्ष 2021 की रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें देशभर में हुए सड़क हादसों की विस्तृत जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार इंदौर ने कई मामलों में उच्च रैंकिंग हासिल की है। इस साल हुए हादसों में ओवर स्पीड के कुल 3674 मामले सामने आए हैं। इसमें उसे दूसरी रैंकिंग मिली है। इन हादसों में 484 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस मामले में इंदौर ने चौथी रैंकिंग हासिल की है, जबकि ओवर स्पीड के 4880 मामलों और इनमें 952 लोगों की मौत के साथ चेन्नई पहले स्थान पर है। ट्रैफिक एक्सपर्ट अतुल शेठ बताते हैं।
शहर में वाहन चालकों पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं है। लोग ठीक से गाड़ी नहीं चलाते हैं। लाइसेंस पाने की प्रक्रिया काफी आसान है। पुलिस चेकिंग में जुर्माना देकर लोग छूट जाते हैं। इसलिए भी सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। इंदौर में ट्रैफिक पुलिस ने वर्ष 2021 में ओवर स्पीड के 1808 चालान बनाए थे, जबकि इस साल अब तक केवल 780 चालान ही बने हैं।
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