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    इंदौर को जल संरक्षण के क्षेत्र में मिला राष्ट्रीय जल पुरस्कार

  • January 08, 2022

    इंदौर। स्वस्छता के क्षेत्र (area of ​​sanitation) में लगातार देश में अपना परचम लहराने वाले इंदौर (Indore) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जल संरक्षण के क्षेत्र में इंदौर जिले को राष्ट्रीय जल पुरस्कार (National Water Award) प्राप्त हुआ है। केन्द्र सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा शुक्रवार को तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की गई। देश के उत्तर, पश्चिम, दक्षिण एवं पूर्व झोन के जिलों को पुरस्कृत किया गया है। पश्चिम झोन में इन्दौर जिला प्रथम स्थान पर रहा है, जबकि गुजरात के बडोदरा एवं राजस्थान के बासवाड़ा जिले को पश्चिम झोन में संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।



    उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मनीष सिंह एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु चन्द्र द्वारा फरवरी 2021 में उक्त पुरस्कार के लिये जिले की ओर से नामांकन प्रस्तुत किया गया था। संभागीय आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा अनुशंसा की गई थी। जिले द्वारा प्रस्तुत नामांकन में उल्लेखित कार्यों के सत्यापन के लिये भारत शासन स्तर से केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के उपसंचालक स्तर की टीम भेजी गई थी। टीम द्वारा जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में किये गये जल संरक्षण एवं जल के पुर्नउपयोग संबंधी कार्यों का अवलोकन कर जिले के लिये पुरस्कार की अनुशंसा भारत शासन को की गई।

    बता दें कि इंदौर जिले के महू तहसील के दुर्जनपुरा एवं यशवंत नगर में ग्राम पंचायत के माध्यम से किए गए रिजलाईन एवं ड्रेनेज लाईन ट्रीटमेंट के कार्य एवं ग्राम भगोरा में वाटरशेड परियोजना अन्तर्गत भूजल पुनर्भरण के कार्य से सत्यापनकर्ता दल प्रभावित हुये। सत्यापन में भ्रमणकर्ता दल द्वारा नगर निगम के कबीटखेडी एसटीपी प्लांट, कनाड़िया झील संरक्षण कार्य को भी देखा गया। पुरस्कार के मूल्यांकन में जिले में ग्रामीण विकास विभाग की वाटरशेड विकास योजना में कनाड एवं गम्भीर नदी के जलग्रहण क्षेत्र में किये गये ट्रीटमेंट एवं निर्माण कार्य, मनरेगा अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के पौधारोपण, जिले में केच द रेन अभियान अन्तर्गत निर्मित जल संग्रहण एवं जल पुर्नभरण कार्य, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग कार्य, बावड़ी जीर्णोद्धार आदि प्रयासों का समावेश किया गया। नगर निगम द्वारा वेस्ट वाटर के रियूज एवं जलसंरचनाओं के संरक्षण के प्रयास भी पुरुस्कार के प्रस्ताव में शामिल किये गये थे।

    विदित हो कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2020-21 में 100 तालाबों में 7.38 लाख घनमीटर गाद निकाली गई, जिसमें 9.76 करोड़ रुपये की लागत ग्रामीणों द्वारा वहन की गई। विदित है कि जिले को 2019 में चोरल नदी पुनर्जीवन के लिये भी प्रथम जल पुरुस्कार प्राप्त हुआ था। इस प्रकार जिले को गत 3 वर्षों में दूसरी बार उक्त राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कलेक्टर मनीष सिंह एवं जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चन्द्र को इन्दौर जिले को उक्त राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयनित होने पर बधाई दी है।

     

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