इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) की अध्यक्षता में कल कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) में जहां कई निर्णय लिए गए, वहीं इंदौर निगम (Indore Corporation) को भी 111 करोड़ (111 crores) रुपए की सौगात मिल गई। आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास भरत यादव के मुताबिक 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलीयन प्लस सिटी के रूप में इंदौर को यह राशि जारी की गई है, जिससे इंदौर शहर में विभिन्न श्रेणी के विकास कार्य किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री की मंशानुसार तथा नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निर्देश पर यह धन राशि जारी की गई है।
नगर निगम की माली हालत अत्यंत खस्ता है। ऐसे में यह धन राशि उसके लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी मुख्यमंत्री तथा मंत्री का आभार माना है और इस धनराशि से पेयजल प्रदाय और ठोस तथा अपशिष्ट प्रबंध सहित अन्य विकास कार्य नगर निगम द्वारा किए जा सकेंगे। दरअसल, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर यह राशि मिली है, जो कि परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में शासन द्वारा दी गई है। इससे कई रूके हुए विकास कार्य अब हो सकेंगे। निगमायुक्त शिवम वर्मा का भी कहना है कि शासन द्वारा जो मापदण्ड तय किए गए हैं उनमें से अधिकांश बिन्दुओं पर इंदौर निगम सफल साबित हुआ है। दूसरी तरफ सफाई से लेकर अन्य मामलों में नगर निगम की हालत पहले की तुलना में बिगड़ी है और बाहर से आने वाले पर्यटक ही अब वीडियो जारी कर शहर की गंदगी की आलोचना कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ निगम में जो फर्जी बिल महाघोटाला उजागर हुए उसने भी उसकी साख को बट्टा लगाया है और निगम का प्रशासनिक ढांचा भी चरमरा गया। दूसरी तरफ पार्षदों से लेकर जनप्रतिनिधियों का दबाव अत्यधिक बढ़ गया है और वर्तमान स्थिति में अधिकांश अधिकारी कोई निर्णय लेने से कतराने भी लगे हैं कि पता नहीं कब आरोप लग जाए और फिजुल की जांच का सामना करना पड़े। चुनाव से पहले शासन ने प्रमुख सडक़ों के निर्माण के लिए भी 450 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निगम को उपलब्ध कराई थी, जिसमें से अभी 22 सडक़ों का निर्माण चार पैकेज में निगम करवा भी रहा है।
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