रजिस्टर्ड मैरेज… विदेश यात्रा और दस्तावेजों के लिए रजिस्टर्ड हो रही शादियां, इस साल का आंकड़ा 100 के पार पहुंचा
इंदौर। देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के बाद विधि-विधान (legislation) से होने वाले मांगलिक कार्यों (auspicious functions) व आयोजनों के साथ विवाह (Marriage) पर भी रोक लग जाती है। हिंदू संस्कृति के अनुसार इस समय में विवाह वर्जित माना गया है, लेकिन तेजी से पाश्चात्य संस्कृति की गिरफ्त में आ रहे युवा बिना मुहूर्त के रजिस्टर्ड मैरिज कर विवाह बंधन में बंध रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय की कोर्ट में 14 जोड़े अब तक विवाह बंधन में बंध चुके हैं।
विदेश जाने वाले प्रकरण ज्यादा
माता-पिता द्वारा बच्चों के पास विदेश जाने की सूरत में भी एडीएम न्यायालय में विवाह अधिनियम के अनुसार मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया जाता है। विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है। विवाह पंजीयन अधिनियम 1955 के तहत अपर कलेक्टर न्यायालय में कराया जाता है। इनके लिए भी सबसे ज्यादा प्रकरण सामने आए हैं। अंतरजातीय विवाह पंजीयन को लेकर भी शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पाने के लिए 10 विवाह पंजीयन कराए गए हैं। एक साल के भीतर आवेदन करना अनिवार्य किया गया है, जिसके तहत विवाह रजिस्टर्ड किए गए हैं।
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