इंदौर। एक साल पहले अपराधों पर नियंत्रण के लिए इंदौर (Indore) में पुलिस कमिश्ररी लागू की गई थी, लेकिन पुलिस को पर्याप्त बल नहीं मिला था, लेकिन अब इंदौर पुलिस को 1021 जवान मिले हैं, जबकि देहात के लिए 46 जवान भेजे गए हैं। फिलहाल इनकी ट्रेनिंग चल रही है। कुछ माह में ये इंदौर पुलिस में सेवा देंगे।
शहर में दिसंम्बर माह में पुलिस कमिश्ररी लागू की गई थी। इसके लिए मुख्यालय ने इंदौर पुलिस को अफसरों की फौज तो दे दी थी, लेकिन जवान नहीं मिले थे। तीस जवान यातायात के लिए दिए गए थे, लेकिन अब मुख्यालय ने इंदौर पुलिस को 1021 जवान और देहात को 46 जवान दिए हैं। एडिशनल कमिश्रर राजेश हिंगनकर ने बताया कि इन जवानों को इंदौर पुलिस में शामिल किया गया है। फिलहाल इनका मेडिकल और ट्रेनिंग करवाई जा रही है।
कुछ माह में यह इंदौर पुलिस के लिए काम शुरू कर देंगे। 26 जवान गैर हाजिर रहे हैं। उनके स्थान पर दूसरे जवानों को भेजा जाएगा। संभवत: उनकी पुलिस में रुचि नहीं है। इसके अलावा देहात में भी बल की कमी को देखते हुए उनको 46 जवान दिए गए है। कमिश्ररी लागू होने के बाद देहात के 13 थानों में बल की कमी हो गई थी। पुलिस कमिश्ररी लागू होने के बाद पुलिस को जिलाबदर और 151, बांडओवर के अधिकार दिए गए थे। इसके लिए कोर्ट रूम बनने थे। ज्यादातर एसीपी, डीसीपी और पुलिस कमिश्रर के कोर्ट रूम बनकर तैयार हो गए हैं। इसके लिए 95 लाख रुपए शासन ने दिए थे। इसके अलावा फर्नीचर और अन्य सुविधाओं के लिए भी फंड दिया गया था। इस बल के मिलने के बाद पुलिस को अपराधों पर नियंत्रण और यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी, क्योंकि शहर में पुलिस कमिश्ररी लागू होने के बाद भी हत्या और चोरी की वारदातों पर इस साल नियंत्रण नहीं हो सका है।
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