एक तरफ इलाज सहित सामानों की कालाबाजारी(Black marketing), तो दूसरी तरफ मानवता दिखाने वाले लोग भी कम नहीं
इंदौर। एक तरफ जहां कोरोना मरीजों के परिजनों के साथ ठगी की शिकायतें सामने आ रही हैं तो दूसरी तरफ सेवा करने वालों की भी कमी नहीं है। ऑक्सीजन सिलेंडर (oxygen cylinders), इंजेक्शन (injection) के साथ अन्य सामानों की जहां कालाबाजारी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ नि:शुल्क भोजन से लेकर इलाज की व्यवस्था भी शहर में कई लोग और संगठन कर रहे हैं। वहीं एक व्यक्ति ने, जो कि अपना हेयर कटिंग सैलून चलाता था, अंंितम संस्कार (funerals) के वक्त काम आने वाली सामग्री रियायती दरों पर पीडि़त परिवारों के घरों तक पहुंचाने का काम भी शुरू किया।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बड़ी संख्या में शहर में कोरोना मरीजों (corona patients) की मौत हुई और अंतिम संस्कार (funerals) के सामान का भी टोटा पडऩे लगा। हालांकि अब दो दिनों से श्मशान घाटों में आने वाले शवों की संख्या में 50 फीसदी तक कमी आ गई है। आपदा में अवसर तलाशते कई लोगों ने इस महामारी के वक्त भी व्यवसाय करना बंद नहीं रखा, उलटा कालाबाजारी कर रहे हैं। चार गुना से अधिक दरों पर सामान बेच रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कई सामाजिक संगठन, संस्थाओं से लेकर लोगों के समूह द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से रात-दिन मदद भी की जा रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर, इंजेक्शन, बेड से लेकर नि:शुल्क भोजन, दवाइयां और अन्य सामग्री पीडि़तों तक पहुंचाई जा रही है। इसी तरह लक्ष्मीपुरी कॉलोनी किला मैदान क्षेत्र में रहने वाले विलास खोंडे, जिनका रामबाग क्षेत्र में छोटा सा हेयर कटिंग सैलून भी है, जो वह अपने भानजे राहुल निकम के साथ संचालित करते हैं। कुछ समय पूर्व उन्होंने शवों के अंतिम संस्कार के वक्त मृत व्यक्ति के परिजनों को आने वाली समस्याओं के मद्देनजर सामान रियायती दरों पर घर पहुंचाने का काम शुरू किया था। अभी कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई और कब्रिस्तानों से लेकर श्मशानों में बड़ी संख्या में शव पहुंचे और घंटों प्रतीक्षा भी करना पड़ी। ऐसे नाजुक वक्त में विलास खोंडे ने अपने बेटे के साथ अंतिम संस्कार का सामान पहुंचाने का काम शुरू किया। ऑटो रिक्शा के अभाव में कई बार वे अपने दोपहिया वाहन पर ही अर्थी सहित अन्य अंतिम संस्कार का सामान लेकर शोक संतप्त परिवार तक पहुंचा रहे हैं। रियायती दर पर ही वे ये सामग्री पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं, अंतिम संस्कार के बाद भी आने वाले दिनों में अन्य विधि और कर्मकांड में जो सामग्री लगती है उसे भी इसी तरह उपलब्ध करवाते हैं, क्योंकि अभी कोरोना के चलते कई परिवार संक्रमित भी हो गए और घर से बाहर निकलना भी संभव नहीं होता है। ऐसे में इस तरह की सामग्री पहुंचाने का अनूठा काम अपने हाथ में लिया। संभवत: अन्य किसी स्थान पर इस तरह की सेवा और कोई नहीं दे रहा होगा। अभी कोरोना कफ्र्यू के कारण भी आसानी से सामान उपलब्ध नहीं होता, क्योंकि बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार लगातार हो रहा है। ऐसे में एक व्यक्ति इस तरह रियायती दर पर अंतिम संस्कार की सामग्री घर पहुंचा रहा है।
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