इंदौर। लाखों के भ्रष्टाचार (Corruption) और पद का दुरुपयोग (Miss use) करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) विकास शर्मा (Vikas Verma) ने आरोपियों को दोषी मानते हुए चार वर्ष का कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) और 50-50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। जिला अभियोजन अधिकारी संंजीव श्रीवास्तव के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस ने कल आरोपी संजय वाघमारे पिता गणपत वाघमारे निवासी जवाहर मार्ग को धारा 120बी एवं 420 व धारा 13-1 (डी) सहपठित धारा 13 (2) में चार वर्ष का कारावास व 50 हजार का अर्थदंड किया है।
इसी प्रकार चंदरसिंह पिता खुमानसिंह सोलंकी निवासी कन्हैयानगर एक्सटेंशन अन्नपूर्णा रोड इंदौर को धारा 120(बी) में चार वर्ष का कारावास एवं 50 हजार का अर्थदंड किया है। इसी तरह निहालसिंह पिता शंकरलाल निवासी ग्राम बसोड़ा तहसील देपालपुर (Depalpur) को दोषी पाते हुए चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी ज्योति गुप्ता विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई। विशेष लोक अभियोजन द्वारा तर्क दिया गया था कि आरोपियों द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया है, जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। बताया जा रहा है कि अभियुक्त निहालसिंह ने 1997 में कंसोर्टियम बैंक क्रेडिट योजना के अंतर्गत खादी ग्राम उद्योग इंदौर से ग्रामीण उपयोग के रूप मेंं अनुपम फेब्रिकेशन निर्माण उद्योग स्थापित करने हेतु गुण नीति के विपरीत अन्य लोकसेवक संजय, जितेंद्र शर्मा, चंदरसिंह सोलंकी, अर्चना जैन, बालकृष्ण शर्मा के साथ मिलकर आपराधित षड्यंत्र करते हुए 5,20,000 रुपए मार्जिन राशि 2,40,000 रुपए प्राप्त कर अवैध लाभ कमाया था। आरोपी निहालसिंह द्वारा ऋण की किस्त भी जमा नहीं की गई थी। वर्तमान में उक्त प्रकरण में आरोपी संजय वाघमारे, जितेंद्र वर्मा, तत्कालीन नायब तहसीलदार चंदरसिंह सोलंकी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved