इंदौर। सरकार के निर्देश के बाद भी स्कूलों के बच्चों का टीकाकरण न कराने पर प्रशासन ने साेमवार को चार स्कूलों को सील कर दिया है। जिले के अधिकारियों ने आज कई स्कूलों का औचक निरीक्षण कर टीकाकरण की हकीकत जानी और लापरवाही मिलने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की गई।
दरअसल, सोमवार को कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर अधिकारियों ने विभिन्न स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण कार्य में लापरवाही बरतने पर चार स्कूलों को सील किया गया। इस संबंध में अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि टीकाकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में छावनी के सेंट अर्नाल्ड स्कूल को सील कर दिया गया है। इस स्कूल में पात्र 741 बच्चों में से 647 का टीकाकरण हो चुका है। अभी 94 बच्चे टीकाकरण के लिए शेष है।
इसी तरह से अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा ने टैगोर पब्लिक स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया है। इस स्कूल में 310 में से 208 विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। शेष 102 बच्चों का वैक्सीनेशन होना बाकी है। इस पर प्राचार्य का कार्यालय सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यालयों से अपेक्षा की गई कि शीघ्र अति शीघ्र वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण कर रिकॉर्ड उपलब्ध कराएं।
अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने बताया कि सोमवार को छावनी स्थित बेगम खान बहादुर विद्यालय का निरीक्षण किया गया। इस स्कूल के 15 से 17 वर्ष तक के 414 बच्चे में से 116 बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। इसके चलते स्कूल को सील किया गया। इसी तरह अपर कलेक्टर आरएस मण्डलोई ने भी कार्रवाई करते हुये पलासिया स्थित सेंट उमर हायर सेकेंडरी स्कूल को सील किया। इस स्कूल में 15 से 17 वर्ष तक के 953 बच्चों में से 235 बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को टीएल बैठक में टीकाकरण में लापरवाही करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। बताया गया कि स्कूलों की आकस्मिक जांच का सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।
बुस्टर डोज नहीं लगवाने वाले फ्रंटलाइन और हेल्थकेयर वर्कर को नहीं मिलेगा वेतन
कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि जिले में ऐसे सभी फ्रंट लाइन और हेल्थकेयर वर्कर जिनकी अवधि बुस्टर डोज लगाने की हो चुकी है, वे शीघ्र तीसरा डोज लगवाएं। बुस्टर डोज नहीं लगवाने वाले ऐसे सभी शासकीय कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये हैं कि ऐसे स्कूल जिन्होंने 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाने के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है, उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिये उन्होंने सभी अपर कलेक्टरों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि स्कूलों का निरीक्षण करें, जो स्कूल टीकाकरण के कार्य में लापरवाही कर रहे है, उन्हें सील करने की कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर मनीष सिंह सोमवार को हुई टीएल बैठक में जिले में टीकाकरण कार्य की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागवार कर्मचारियों के संबंध में टीकाकरण की जानकारी ली और सख्त हिदायत दी कि अपने सभी कर्मचारियों का बुस्टर डोज लगवाने का कार्य शीघ्र पूरा किया जाये। कोई भी फ्रंट लाइन और हेल्थकेयर वर्कर टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि बुस्टर डोज के लिए ड्यू हो चुके ऐसे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ जिन्होंने बुस्टर डोज नहीं लगाया है, उनका भी वेतन आहरित नहीं किया जाये।
कलेक्टर ने कहा कि टीकाकरण कोरोना से बचाव का सबसे कारगर माध्यम है। बैठक में उन्होंने निर्देश दिये कि जिले की ग्राम पंचायतों में समग्र पोर्टल से 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों को चिन्हित कर सभी का टीकाकरण सुनिश्चित करवाये।
बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि कोई भी पात्र किसान इस योजना के लाभ से वंचित नहीं रहे। अगर किसी अपात्र का नाम जुड़ गया हो, तो तुरंत उसे हटाने की कार्रवाई की जाये। बैठक में अपर कलेक्टर पवन जैन, अभय बेडेकर, अजय देव शर्मा, राजेश राठौर, आरएस मण्डलौई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)
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